Devi Puja: “Our roots have to go down into dharma” Djamel Metouri House, St Albans (England)

देवी पूजा : “हमारी जड़ों को धर्म की गहराई में जाना होगा,” जमेल का घर, सेंट एल्बंस, इंग्लैंड,   6 जुलाई, 1977                                                                  तो आज मैं आपको पवित्रता के बारे में बताना चाहती हूं। वह मेरा नाम है, आप जानते हैं कि, निर्-मला। ‘नी’ का अर्थ है ‘नहीं’; ‘मला’ का अर्थ है ‘अशुद्धियाँ’। जिसकी कोई अशुद्धता नहीं है, वह निर्मला है, और वह देवी के नामों में से एक है। पवित्रता एक आंतरिक गुण है। यह मौन में बोलता है। यह सबसे गैर-आक्रामक गतिविधियों में से एक है। यह आप में पैठ जाता है। यह किसी भी तरह से व्यक्त नहीं करता है। प्रेम भी शब्दों में, अथवा कार्य द्वारा व्यक्त कर सकते हैं। लेकिन यह अभिव्यक्तिहीन है, पवित्रता है,  सभी अशुद्धता को धो देता है।  आप तार्किकता से यह नहीं समझ सकते कि यह काम कैसे करता है। आपको इसकी प्रक्रिया को जानना और महसूस करना होगा। यह बहुत सूक्ष्म है। कभी-कभी अत्यधिक भी होता है। लेकिन कभी भी चौंकाने वाला नहीं है | जब मैं कहती हूं कि, मुझे लगता है कि मानव उलटी खोपड़ी के बन गए हैं। जब हम विपरीत बुद्धि के हो जाते हैं, तो इसका मतलब नुकसानदायी है? जब हम किसी भी चीज में घिर जाते हैं। हम किसी ऐसी चीज़ में डूब रहे हैं जहाँ हम नष्ट होने वाले हैं। हम उल्टे हैं। यह Read More …