
Shri Ganesha’s Birthday House in Pratishthan, पुणे (भारत)
Talk held in occasion of Shri Ganesha’s Jayanti. Pratishthan (India), 10 February 2008. […]
Talk held in occasion of Shri Ganesha’s Jayanti. Pratishthan (India), 10 February 2008. […]
Makar Sankranti. Pratishtan (India), 2008. […]
Hindi Talk
आज का दिन पृथ्वी के उत्तर भाग में महत्त्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि सूर्य दक्षिण से उत्तर में आता है। इसलिये नहीं कि ये हम कर रहे हैं। हर साल एक ही तारीख जो कि सूर्य के ऊपर कार्य हम करते हैं, तो हम लोग उसको क्यों इतना मानते हैं? क्या विशेष बात है कि सूर्य अगर उत्तर में आ गया, तो हम लोगों को उसमें इतनी खुशी क्यों? बात ये है कि सूर्य से ही हमारे सब कार्य जो हैं प्रणीत होते हैं। अँधेरे में, […]
Mahashivaratri Puja 15th February 2004 Date: Place Pune Type Puja
[Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari]
कठिन है। कल्याण’ माने हर तरह से साफल्य, हर तरह से प्लावित होना, हर तरह से अलंकृत होना। जब आशीर्वाद में कोई कहता है कि तुम्हारा “कल्याण” हो तो क्या होना चाहिए? क्या होता है? ये कल्याण क्या है? यह वही कल्याण है जिसको हम आत्मसाक्षात्कार’ कहते है। बगैर आत्मसाक्षात्कार के कल्याण नहीं हो सकता। उसकी समझ भी नहीं आ सकती और उसको आत्मसात भी नहीं किया र जा सकता। ये सब चीजें एक साथ कल्याणमय होती हैं और जिसकी वजह से मनुष्य अपने को अत्यन्त सुखी, […]
Hindi Transcript of Shri Krishna Puja. Pune (India), 9 August 2003.
हम लोगों को अब यह सोचना है कि सहजयोग तो बहुत फैल गया और किनारे किनारे पर भी लोग सहजयोग को बहुत मानते हैं। लेकिन जब तक अपने अन्दर सहजयोग वायवास्तीह रूप से प्रकटित नहीं होगा तब तक जैसा लोग सहजयोग को मानते हैं वो मानेगें नहीं। इसलिए ज़रूरत है कि हम कोशिश करें कि अपने अन्दर झांकें। यही कृष्ण का चरित्र है कि हम अपने अन्दर झांके और देखें जाने की कौन सी ऐसी चीजे हैं जो हमें दुविधा में डाल देती हैं। इसका पता लगाना चाहिए। हमें अपने तरफ देखना चाहिए, […]
[Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari]
Translation
अंग्रेजी प्रवचन – अनुवादित
आज हम श्री शिव-सदाशिव की पूजा करेंगे। उनका गुण यह है कि वे क्षमा की मूर्ति हैं। उनकी क्षमाशीलता क्षमा के गुण के कारण ही हम आज जीवित हैं, अन्यथा ये विश्व नष्ट हो गया होता। बहुत से लोग खत्म हो गए होते क्योंकि मानव की स्थिति को तो आप जानते ही हैं। मनुष्य की समझ में ही नहीं आता कि उचित क्या है और अनुचित क्या है। इसके अतिरिक्त वे क्षमा भी नहीं कर पाते। गलतियों पर गलतियाँ करते चले जाते हैं। परन्तु वो अन्य लोगों को क्षमा नहीं कर सकते। इसलिए हम लोगों को यही गुण श्री शिव-सदाशिव से सीखना हैं।
Transcription […]
Makar Sankranti Puja 14th January 2001 Date: Place India Type Puja
[Hindi translation from Marathi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari]
अत्याधिक कर्मकाण्ड करने वाले लोग जल्दी से परिवर्तित नहीं होते हमें अपने कि तप करो, उपयास करो पति-पत्नी का स्वभाव परिवर्तित करने चाहिए। उत्तर भारत में कर्मकाण्ड इतने अधिक नहीं हैं। वे लोग तपस्या से कहीं श्रेष्ठ है। भक्ति आनन्द का गंगा में स्नान करते है परन्तु अब उनमें बहुत स्रोत है। सहजयोग अपनाने वाले लोगों को बदलाव आया है बहुत से सुशिक्षित लोग न कोई तपस्या करनी है न कुछ त्यागना है। सहजयोग में आए हैं और उन्हें देखकर आश्चर्य जहाँ हैं वहीं पर सब कुछ पाना है। होता है । महाराष्ट्र के लोगों को यदि कहा जाए त्याग करो तो वे ये सब करेंगे। परन्तु भक्ति आत्मसाक्षात्कार अन्य लोगों को भी देना चाहिए नहीं तो आत्मसाक्षात्कार का क्या लाभ है? […]
Public Program, Pune, India 7th March 2000
सत्य को खोजनेवाले सभी साधकों को हमारा प्रणाम !!
आज संसार भर में सत्य की खोज हो रही हैI क्योंकि लोग सोचते हैं जिस जीवन में वो उलझे हुए हैं, वो उलझन इसलिए है कारन वो सत्य को नहीं जानते। अपने देश में शायद ये भावना कम हो लेकिन और अनेक देशों मे ये भावना बहुत जबरदस्त है और अपने देश में भी होनी चाहिए I अब हम रोज अख़बार पढ़ते हैं तो यही सुनते हैं की इतने यहाँ लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं, […]
Mahashivaratri Puja Date 5th March 2000: Place Pune: Type Puja
[Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari]
शिवजी को आप लोग मानते हैं और धीरे-2 वो नष्ट होते जाते हैं। धीरे धीरें वी उनकी बड़ी पूजा अर्चना होती है। लेकिन शिवजी के गुणधर्म आप जानते नहीं, इसलिए बहुत बार सांत्वना करने वाले हैं। हमको शांति देने वाले आपसे गलती हो हैं। और जब स्वरूप जो है वो आनंद स्वरूप है। सूक्ष्म सं शिवजी की शक्ति और विष्णु की शक्ति जैसे समाप्त होते जाते हैं। पर शिवजी जो हैं ये हमारी जाती है। शिवजी का विशेष और हमको आनंद देने वाले ये आनंद उनका सब तरफ छाया रहता है। कि कुण्डलिनी और नाड़ी, […]
Shri Hanumana puja. Pune (India), 31 March 1999.
[Hindi Transcript]
ORIGINAL TRANSCRIPT HINDI TALK Scanned from Hindi Chaitanya Lahari आज हम लोग श्री हनुमान जी की जयन्ती भी चित्र बनाते हैं तो पहले हनुमान जी का ही मना रहे हैं हनुमान जी के बारे में क्या कहें कि वो जितने शक्तिवान थे जितने गुणवान थे उतने ही वो श्रद्धामय और भक्तिमय थे। अधिकतर, ऐसा मनुष्य जो बहुत शक्तिवान हो जाता है, बहुत जो कुछ भी हमने अपने उत्क्रान्ति में, […]
Velechi Hallk 25th March 1999 Date: Place Pune Public Program Type
[Hindi translation from Marathi talk]
सत्य साधको को हमारा प्रणाम ! इसके पहले भी मैंने कई बार आपको सत्य के बारे में बताया है । सत्य क्या है? सत्य और असत्य इन दोनों में क्या अन्तर है, ये कैसे जान सकते हैं। इसके बारे में मैंने बहुत अच्छी तरह से समझाया है । सबसे पहले इस पुणे में या पुण्यपट्टणम् में हम सत्य क्यों खोज रहे हैं, […]
Makar Sankranti Puja 14th January 1996 Date: Place Pune Type Puja Speech Language Hindi, English and Marathi
आज हम लोग यहाँ संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा करने के लिये एकत्रित हुए है। अपने देश में सूर्य की पूजा बहुत महत्त्वपूर्ण मानी जाती हैं और सूर्य को अर्ध्य देना एक प्रथा जरूरी समझी जाती है और विदेशों में भी सूर्य का बड़ा महत्त्व है। उनके ज्योतिष शास्त्र आदि सब सूर्य पर ही निर्भर है । अब संक्रांत में ये होता है, […]
Talk
आपको चैतन्य कहाँ महसूस होता है? ऐसे ही सूफ़ी हो जाए गुणगान हो जाएकवाल हो जायमशरूफ हो जाए| तो सारे दूर हम मन चैतन्य को तो इनके गाने के मध्यम से फेला सकते है| बहुत आसान है इन्होंने इनके भाई लोग है मे पता नही भाई नाम | मैं अपना सूफ़ी नाम बता देता हूँ!आप बता दो!
(कव्वाल अपना नाम श्रीमताजी को बताते हुए|)
तो आप सब लोगो का बहुत बहुत धन्यवाद की आप लोग आए और इसको क़्वाली को सुनने के लिए मैं चाहती हूँ की और भी लोग सहज योगी आ गये होते तो अच्छा होता| पर शायद यह जगह थोड़ी दूर हो इसलिये इस वजह से नही आ पाए हो ….बहरहाल इस तरह की चीज़े अगर हमारी यहाँ धीरे धीरे फैल जाए तो सहज की जो धारा है वो ओर भी सहज हो जाए | अच्छा, […]
Sarvajanik Karyakram Date 5th December 1990 : Place Pune Public Program Type Speech Language Hindi
सत्य को खोजने वाले आप साधकों को हमारा प्रणाम ! सत्य के विषय में हमें जान लेना चाहिए कि सत्य जो है वह अपनी जगह है। उसे हम बदल नहीं सकते, उसकी हम धारणा नहीं कर सकते , उसकी हम व्यवस्था नहीं कर सकते। सबसे दुःख की बात यह है कि मानव चेतना से हम उस सत्य को जान नहीं सकते। इसलिए हम देखते हैं कि संसार में भेद -अभेद है। इसलिए लोग अन्धेपन से आपस में लड़-झगड़ रहे हैं । अनेक तरह की नयी- नयी गतिविधियाँ उत्पन्न हो रही हैं और नये-नये विचार भी, […]
Mahashivaratri Puja 23rd February 1990 Date : Place Pune Type Puja Speech Language Hindi
आज शिवरात्री है और शिवरात्री में हम शिव का पूजन करने वाले हैं। बाह्य में हम अपना शरीर है और उसकी अनेक उपाधियाँ, मन, अहंकार बुद्धि आदि हैं और बाह्य में हम उसकी चालना कर सकते हैं, उसका प्रभुत्व पा सकते हैं। इसी तरह में जो कुछ अंतरिक्ष में बनाया गया है, वह हम सब जान सकते हैं, उसका उपयोग कर सकते हैं। उसी प्रकार इस पृथ्वी में जो कुछ तत्व हैं और इस पृथ्वी में जो कुछ उपजता है उन सबको हम अपने उपयोग में ला सकते हैं। इसका सारा प्रभूत्व हम अपने हाथ में ले सकते हैं। लेकिन ये सब बाह्य का आवरण है। वो हमारी आत्मा है, […]
1989-12-27 India Tour – How We Should Behave
FIRST SPEECH
It was very interesting I was thinking about you all and about the people who have done so much for Sahaja Yoga. It is impossible really to say how many have worked for Sahaja Yoga with such interest and dedication. And this dedication is directed by divine force that’s why I think you people are not even aware how much you have worked so hard without getting any material gain out of it. […]
Navaratri Puja – Hamare Jivan Ka Lakshya
Date: October 16th, 1988 Place: Pune
Type: Puja Speech Language: Hindi
आज हम लोग यहाँ शक्ति की पूजा करने के लिए एकत्रित हुए हैं। अभी तक अनेक संत साधुओं ने ऋषि मुनियों ने शक्ति के बारे में बहुत कुछ लिखा और बताया है। और जो शक्ति का वर्णन उन्होंने अपने गद्य में नहीं कर पाये, […]
Akshaya Tritiya Puja Talk Pune
लेकिन इस मामले में अनादि काल से, इस दिन के शुभ अवसर पर, परमात्मा से लोगो ने बहुत चीज़े मांगी। जैसे कि, बहुत से लोग आज के दिन ये मांगते हैं कि प्रभु, महाराष्ट्र में बरसात हो जाए। बरसात हो जानी चाहिए, जिससे हमारी खेती आ जाए। ठीक है, वो मांगना ठीक है, कि खेती की उपज होनी चाहिए, बरसात होनी चाहिए, लोगो को खाने-पीने को मिलना चाहिए। उससे आगे क्या? […]
क्रिसमस पूजा
पुणे 25 दिसम्बर 87
आज मैंने अंग्रेजी में बात की। क्योंकि यह उनका विषय है। लेकिन हम भी ईसा-मसीह के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, और जो हम जानते हैं वह इतना कम है, कि हम उससे जो अनुमान लगाते हैं वह गलत है जैसा कि ये ईसाई देखते हैं। कहा जा रहा है कि किसी भी जाति में ऐसे बुद्धिमान व्यक्ति नहीं मिलते। तो यह हिंदू धर्म या ईसाई धर्म क्यों है? […]
Diwali Puja 1st November 1986 Date : Place Pune Type Puja Speech Language Hindi
दिवाली के शुभ अवसर पे हम लोग यहाँ पुण्यपट्टणम में पधारे हैं। न जाने कितने वर्षों से अपने देश में दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन जब से सहजयोग शुरू हुआ है, दिवाली की जो दीपावली है वो शुरू हो गयी । दिवाली में जो दीप जलायें जाते थे , वो थोड़ी देर में जाते हैं। बुझ फिर अगले साल दूसरे दीप खरीद के उस में तेल डाल कर, […]
Shri Gauri Puja 5th October 1986 Date : Place Pune Type Puja Speech Language Hindi & Marathi
पूना शहर का नाम वेदों में, पूराणों में सब जगह मशहूर है । इस को पुण्यपट्टणम कहते है। पुण्यपट्टणम और इस जगह जो नदी बहती है उसका नाम है मूल नदी | जो यहाँ से मूल बहता है, ऐसी ये नदी | यहाँ पर हजारों वर्षों से बह रही है और इस भूमी को पूरण्यवान बना रही है। हम लोगों को पुण्य के बारे में पूरी तरह से मालूमात नहीं है । बहुत से लोग सोचते है अगर हम गरीबों को कुछ दान दे दें या कोई चीज़ किसी को बाँट दें या कभी हम सच बोले या थोडी बहुत कुछ अच्छाई कर लें तो हमारे अन्दर पुण्य समा जाता है। इस तरह का पुण्य संचय होता तो होगा लेकिन वो एक बुँद, […]
Public Program
Sarvajanik Karyakram Date 4th December 1984 : Place Pune Public Program Type Speech Language Hindi CONTENTS | Transcript 02 – 14 Hindi English Marathi || Translation English Hindi Marathi
ORIGINAL TRANSCRIPT HINDI TALK सत्य को खोजने वाले सर्व आत्माओं को मेरा प्रणिपात! आज मैं सोच रही थी कि कौन सी भाषा में आप से वार्तालाप किया जाय ? यही सोचा की मराठी में, में पूना बहुत बार भाषण हुआ था। आज हिंदी में ही भाषण दिया जाय। क्योंकि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और मेरी मातृभाषा मराठी है किंतु हिंदी भाषा सीखना मैं सोचती हँ परम आवश्यक है और इसलिये आप लोग, […]
क्रिसमस की पूर्व संध्या पर भाषण, पुणे (भारत), 24 दिसंबर 1982
इससे पहले कि हम यीशु मसीह के जन्म का उत्सव प्रारम्भ करें, हमें इसकी थोड़ी समीक्षा करनी होगी कि हमने उनके जन्म के उपरांत क्या किया, ताकि हम समझ सकें कि उनके साथ हम कहां खड़े हैं । वे एक कुंवारी कन्या के पुत्र थे। इसलिए उनके नाम पर लेशमात्र भी कलंक नहीं आना चाहिए। क्योंकि उन्हें हमारी आज्ञा में चेतना लाने का महानतम् कार्य करना था ,जो हमारे समस्त पापों, […]
Evening prior to Her departure for London (Marathi & Hindi). Pune, Maharashtra, India. 30 March 1979.
[Hindi Transcript]
ORIGINAL TRANSCRIPT HINDI TALK आप लोग सब इस तरह से हाथ कर के बैठिये। इस तरह से हाथ कर के बैठे और आराम से बैठे। इस तरह से बैठिये। सीधे इस तरह से आराम से बैठिये। कोई स्पेशल पोज़ लेने की जरूरत नहीं है। बिल्कुल आराम से बैठिये। सहज आसन में। बिल्कुल सादगी से। जिसमें कि आप पे कोई प्रेशर नहीं। न गर्दन ऊपर करिये, […]