Shri Buddha Puja: He is the one who is in charge of your ego YMCA Camp Surf, San Diego (United States)

श्री बुद्ध पूजा : 23 जुलाई,1988 आज हमने बुद्ध जयंती मनाने का निश्चय किया है। यह बुद्ध का जन्म दिन है। सम्पूर्ण काल चक्र में बुद्ध का इस धरती पर आगमन, एक ऐसे समय में हुआ जो उनके आगमन के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। उस समय, विशेष रूप से भारत में, हमारे यहाँ दो प्रकार के लोग थे।एक  जो बहुत ही कर्मकांडी थे, अत्यंत कड़क  तथा अनुशासित होने हेतु प्रयासरत थे । और दूसरे वे लोग थे जो, बहुत अधिक बंधन ग्रस्त थे एवं  परमात्मा के प्रति तथाकथित भक्तिभाव से परिपूर्ण  थे। इस तरह साधकों के क्षेत्र में  ये दो प्रकार के लोग विद्यमान  थे ।अतः यह आवश्यक था कि साधना की इन दोनो शैली का अंत  किया जाए। बुद्ध एवं महावीर को ,तात्त्विक रूप में, हनुमान तथा भैरव का दैवीय सहयोग प्राप्त  है ,जो कि,  जैसा कि  आप जानते हैं, गेब्रियल एवं संत माइकल हैं । जिस तत्व ने जन्म लिया था वह एक शिष्य का तत्व है । और इस तत्व का जन्म ,बहुत पहले  श्री राम के दो पुत्रों के रूप में हो चुका था। यह  तत्व  इस धरती पर लाया गया तथा  अवतरित हुआ। पहला , मानव के अहंकार पर विजय पाने के लिए। दूसरा  मानव के प्रति- अहंकार को जीतने के लिए। बुद्ध, जब उनका जन्म हुआ, उन्होंने पाया कि सभी जगह दुख -क्लेश व्याप्त था। और उनके अनुसार यह दुख- क्लेश हमारी इच्छाओं के कारण था। इसलिए इच्छा-रहित होना ही निर्वाण प्राप्त करने का सर्वोत्तम मार्ग  है।  वह इसी निष्कर्ष पर पहुँचे। लेकिन इच्छा-रहित Read More …