Easter Puja: You must forgive The Pride Hotel, Nagpur (भारत)

ईस्टर  पूजा (आपको क्षमा करना ही चाहिए ), २००८  मैंने आशा नहीं की थी की आप सब यहाँ आएँगे पूजा के लिए | मुझे नहीं पता आप सब कैसे आ पाए | नहीं तो यह आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है हम सभी के लिए क्योंकि आपको पता है की क्राइस्ट कैसे मरे | उन्हें सूली पर चढ़ाया था | उन्हें क्रॉस पर चढ़ाया गया और फिर वो मर गए | उन्होंने आपके बारे में जिस तरह बताया वो वह कमाल की बात है | उन्होंने परमात्मा से क्षमाशीलता मांगी | हमे उनके जीवन से सीखना है की किस प्रकार सबको क्षमा करना |  हमे भी लोगों को क्षमा करना चाहिए | लोगों के लिए क्षमा करना बहुत कठिन प्रतीत होता है | और अगर वो  नाराज़ है तो वो नाराज़ है | वो क्षमा नहीं कर सकते | फिर आप सहज योगी नहीं है | सहज योगिओं ने क्षमा करना ही चाहिए | बहुत महत्वपूर्ण है | क्योंकि यही शक्ति है, जो आपको क्राइस्ट से मिली है, क्षमा की शक्ति | मनुष्य ग़लतियाँ करते है, वह उनके जीवन का हिस्सा है | पर उसी समय, सहज योगी होने के नाते आपको याद रखना है की आपको क्षमा करना है | वह कही ज़्यादा महत्वपूर्ण है, नाराज़ होने से | तो लोगों को उनकी किसी गलती के लिए, आपके मुताबिक या परमात्मा के मुताबिक, आपको क्षमा करना है | और आपको आश्चर्य होगा की क्षमाशीलता इतनी महान है, और संतुष्टि देने वाली आपकी विशेषता है | यदि आप लोगों को Read More …

Easter Puja, Purity Is the Basis of Your Existence Istanbul (Turkey)

Easter puja. Istanbul (Turkey), 23 April 2000. ईस्टर पूजा- इस्तांबुल (तुर्की), 23 अप्रैल 2000 आज हम एक महान घटना का उत्सव मना रहे हैं, जो है ईसा मसीह का पुनरुत्थान। इस प्रकार से आपका भी पुनरुत्थान हुआ है, कि आप दिव्य प्रेम के नए जीवन की ओर बढ़े  हैं। आप सभी को यह ज्ञान था कि कुछ महान होना है और आपका पुनर्जन्म होना है। परन्तु, किसी को नहीं पता था कि यह कैसे क्रियान्वित होना है ?  आपके अस्तित्व का सूक्ष्म रूप आपको कभी नहीं बताया गया। संतों ने केवल इसी बात पर चर्चा की कि आपको कैसे व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने केवल यही कहा कि कैसे आपको बहुत ही शुद्ध जीवन, ईमानदारी से जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए, लेकिन उन्होंने आपको यह नहीं बताया कि यह कैसे क्रियान्वित होगा। निस्संदेह, भारत में लोग इसे जानते थे, बहुत कम लोग, बहुत ही कम। लेकिन, अब यह एक विश्व व्यापी ज्ञान है, आप लोगों के माध्यम से। अब जब आपकी कुंडलिनी उठती है, वह आपकी माँ है, वह आपकी व्यक्तिगत माँ है और वह आपको दूसरा जन्म देती है। इस प्रकार आप दिव्य स्वर्ग से जुड़ जाते हैं। यह सब, यदि बिना साक्षात्कार के बताया जाए तो इसका कोई अर्थ नहीं है, परन्तु लोगों को इसके बारे में महान विचार दिए गए हैं और उनसे यह भी वचन दिया गया कि एक दिन आपका पुनरुत्थान होगा। यह आपके लिए महानतम संयोग है, यह आपके जीवन की महानतम घटना है और यह अत्यंत सौभाग्य की बात है कि आप इसे Read More …

Easter Puja: We have to establish our meditation Istanbul (Turkey)

ईस्टर पूजा। इस्तांबुल (तुर्की), 25 अप्रैल 1999. आज, हम सभी एकत्रित  हुए हैं यहाँ , तुर्की में, इस्तांबुल  में, ईसा मसीह के पुनरुत्थान को मनाने के लिए, और उसी के साथ आपके संग आपके पुनर्जागरण को मनाने के लिए । ईसा मसीह का पुनरुत्थान हमारे लिए एक महान संदेश था। उन्होंने  मृत्यु पर विजय प्राप्त किया ।और उस मृत शरीर से बाहर आ गए , एक दूसरे शरीर के साथ जो जीवित शरीर था। शरीर वही था।परन्तु एक मृत शरीर था ।और दूसरा शरीर एक  जीवित शरीर  था। यह केवल प्रतीकात्मक नहीं है ।यह सच में उनके साथ घटित  हुआ था। आख़िरकार , वे  एक दिव्य बालक थे ।वे एक दिव्य व्यक्ति थे । सच  में यह उनके साथ घटित  हुआ । यह मात्र एक प्रतीकात्मक बात नहीं है,  कि उनकी मृत्यु हुई एवं  उनका  किसी एक अन्य व्यक्ति के रूप में पुनर्जन्म  हो गया। या, आप कह सकते हैं, एक जीवित व्यक्ति के रूप में। उनके लिए, मृत्यु क्या चीज़ है? शाश्वत  प्राणियों के लिए कोई  मृत्यु नहीं होती है। उस व्यक्ति के लिए कोई मृत्यु नहीं है जो शाश्वत है। कुछ समय के लिए, वे ऐसे दिख  सकतें हैं  जैसे कि वे मृत  हैं।परन्तु वे कभी मर नहीं सकते। ईसा मसीह उसी प्रकार के थे ।एक अत्यधिक  विशेष अवतरण, जो मृत शरीर से पुनर्जन्म लेने के लिए इस धरती पर प्रकट हुए।  हम भी अब  , जबकि हम अभी भी आत्म साक्षात्कारी नहीं हैं, जबकि हम अभी तक प्रबुद्ध नहीं हुए हैं। हम भी  मृत हैं, इस आशय Read More …

Easter Puja: You Can Spread Sahaja Yoga Only Through Love and Compassion Istanbul (Turkey)

Easter Puja. Istanbul (Turkey), 19 April 1998 आज हम ईसा मसीह के पुनरुत्थान का उत्सव मना रहे है | यह ईसा मसीह के जीवन का सबसे बड़ा संदेश है, सूली पर चढ़ना नहीं है |  किसी भी व्यक्ति को सूली पर टांगा जा सकता है और मारा जा सकता है, किन्तु ईसा मसीह का ये मृत शरीर पुनर्जीवित हो उठा | म्रुत्यु का स्वयं अंत हो गया और उन्होंने इस पर विजय प्राप्त कर ली |  यह चमत्कार हो सकता है सामान्य मनुष्य के लिए निश्चय ही, किन्तु ईसा मसीह के लिए नहीं, क्योंकि वे दैवीय व्यक्तित्व थे, वे श्री गणेश थे, वे स्वयं ओंकार थे | इसलिए वे पानी पर चल सकते थे | गुरुत्वाकर्षण शक्ति का प्रभाव उन पर नहीं पड़ सकता था और इसलिए भी वे पुनर्जीवित हो उठे क्योकि मृत्यु उन पर प्रभावी नहीं हो सकी|  वे ऐसे महान दैवीय व्यक्तित्व थे विशेषतः मनुष्यों के लिए बनाये गए थे ताकी लोग उनको पहचान सकें | लेकिन लोगों ने उनको पहचाना नहीं, उनकी हत्या कर दी अत्यंत बर्बरतापूर्वक | वे आज भी सोचते हैं कि यह क्रॉस (सूली) एक महान वस्तु है क्योंकि ईसा मसीह की मृत्यु एक क्रॉस पर हुई थी | यह एक बहुत ही क्रूर विचार है मानव जाति का क्रॉस (सूली) को सम्मान देना | यह क्या दर्शाता है? यह ये दर्शाता है कि लोगों ने पसंद किया उनके प्रति की गई क्रूरता बर्बरता को | क्रॉस प्रतीक है उनकी मृत्यु का और उन पर अत्याचारों है, जिस तरह से उन्हें यातनाएं दी गई थी। इसलिए वह बहुत  दुःखद समय था जब उनको सूली पर टांगा गया | लेकिन जब वे पुनर्जीवित हो उठे तो यह सर्वाधिक आनंददायक अत्यंत मंगलदायक और Read More …

Easter Puja कोलकाता (भारत)

Easter Puja. Calcutta (India), 14 April 1996. ​आज हम लोग ईस्टर की पूजा कर रहे हैं। आज सहजयोगीं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन हैं। क्यों की ईसा मसीह ने दिखा दिया की मानव का उत्थान हो सकता हैं। और इस उत्थान के लिए हमें प्रयत्नशील रहना चाहिए। जो उनको क्रूस पे चढ़ाया गया, उसमें भी एक बढ़ा अर्थ है के क्रूस पर टाँग कर उनकी हत्या की गई और क्रूस आज्ञा चक्र पे एक स्वस्तिक का ही स्वरूप है। उसी पर टाँग कर के ​और ईसा मसीह वही पे गत:प्राण। उस वक्त उन्होंने जो बातें कही उसमें से सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी की उन्होंने कहा की माँ का इंतज़ार करो। माँ की ओर नज़र करो। उसका अर्थ कोई कुछ भी लगाए पर दिखाई देता हैं की, उन्होंने यह बात कहीं थी के मैं तुम्हारे लिए एक ऐसी शक्ति भेजूंगा जिसके तीन अंग होंगे। वह त्रिगुणात्मिका होंगी। और उसका वर्णन बहोत सुंदरता से किया हैं की, एक शक्ति होंगी वो आपको आराम देंगी। आराम देनेवाली शक्ति हमारे अन्दर जो हैं वो हैं महाकाली की शक्ति, जिससे हमें आराम मिलता हैं। जिससे हमारी बीमारियां ठीक होती हैं। जिससे अनेक प्रश्न जो हमारे भूतकाल के हैं वह सही हो जाते हैं। दूसरी शक्ति उन्होंने दी थी, जो भेजी उन्होंने वो थी महासरस्वती। सो महासरस्वती को उन्होंने कौंसलर (Counsellor) कहा। माने जो आपको समझाएँगी, उपदेश करेंगी। जैसा वर्णन हैं, योग-निरूपण कराएगी। ये दूसरी शक्ति से जिससे हम ज्ञान, सूक्ष्म ज्ञान को प्राप्त होंगे। और तीसरी शक्ति महालक्ष्मी की, जिससे की हम अपने उत्थान Read More …

Easter Puja, Crucify Yourself कोलकाता (भारत)

1995-04-14 ईस्टर पूजा प्रवचन, स्वयं को क्रूसारोपित करें, कलकत्ता, भारत (अंग्रेजी, हिंदी) । [अंग्रेजी में प्रवचन] आज वह दिन है जब हम ईस्टर मना रहे हैं । ईस्टर पूर्णतया प्रतीकात्मक है, केवल ईसा मसीह के लिए नहीं, बल्कि हम सभी के लिए भी। उस में सबसे महत्वपूर्ण दिन पुनरुत्थान का है। ईसा मसीह के पुनरुत्थान में ईसाई धर्म का संदेश है, क्रॉस का नहीं। पुनरुत्थान के माध्यम से  ईसा मसीह ने दिखाया था कि कोई भी व्यक्ति अपने शरीर के साथ पुनर्जीवित हो सकता है और उनके पुनरुत्थान के बिना, हम आज्ञा चक्र को पार नहीं कर सकते थे, इसमें कोई संदेह नहीं है। उनका जीवन बहुत कम था, हम कह सकते हैं मात्र साढ़े तीन वर्ष , वह वहां रहे । वह भारत आए और शालिवाहन से मिले और शालिवाहन ने उनका नाम पूछा । उन्होंने बताया कि उनका नाम ईसा मसीह है । लेकिन उन्होंने कहा, मैं उस देश से आ रहा हूँ, जहां म्लेच्छ, मल–इच्छा । इनमें मल की इच्छा है, मलिन बने रहने की इच्छा है और मैं नहीं जानता कि वहाँ कैसे रहना है । मेरे लिए, यह मेरा देश है । लेकिन शालिवाहन ने कहा कि, आप वापस जाकर अपने लोगों को बचाएं और उन्हें परम निर्मल तत्व प्रदान करें। इसलिए वह वापस चले गए, और जैसा कि है, साढ़े तीन साल के भीतर उन्हें क्रॉस पर चढ़ाया गया था। अपनी  मृत्यु के समय उन्होंने क्षमा के लिए बहुत सारी सुंदर बातें बताई, लेकिन अंततः उन्होंने कहा माँ को निहारें अर्थात आपको मां के Read More …

Easter Puja: Resurrection Bundilla Scout Camp, Sydney (Australia)

ईस्टर पूजा। सिडनी (ऑस्ट्रेलिया), 3 अप्रैल 1994। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आप यहाँ  बहुत संख्या में आए हैं – और मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पूजा है, न केवल ऑस्ट्रेलिया के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए, क्योंकि इसमें सबसे बड़ा संदेश है जिसे हमने अब सहजयोग में साकार किया है। हमें ईसा मसीह के संदेश को समझना होगा। इस दुनिया में बहुत से लोग हैं जो यह दिखाने का प्रयास करते हैं कि वे बहुत महान तर्कवादी हैं और उन्हें कोई  भी टिप्पणी करने का अधिकार है, जो उन्हें ईसा मसीह के बारे में पसंद है। अख़बारों में आज मैं पढ़ रही थी, मुझे आश्चर्य हुआ कि वे सभी एक-एक करके यह कह रहे हैं कि, “मैं ईसा मसीह के इस हिस्से को अस्वीकार करता हूँ कि वे निरंजन गर्भधारण से पैदा हुऐ थे। मैं अस्वीकार करता हूँ  कि वे पुनर्जीवित हो गए । मैं इसे अस्वीकार करता हूँ और मैं उसे अस्वीकार करता हूँ। ” आप हैं कौन? क्योंकि आप लिख सकते हैं, क्योंकि आपके पास एक सूझ है, आप ऐसी बातें कैसे कह सकते हैं? बस बिना पता लगाए। आप एक विद्वान हैं, हो सकता है कि आप बहुत अच्छी तरह से पढ़े हों, हो सकता है कि आपको लगता है कि आप किसी भी विषय में जो कुछ भी पसंद करते हैं उसे कहने में सक्षम हैं, लेकिन आध्यात्मिकता के विषय को उन लोगों द्वारा नहीं निपटाया जा सकता जो आत्म- साक्षात्कारी भी नहीं हैं। क्योंकि यह एक बहुत ही Read More …

Easter Puja: You have to grow and take up the responsibility Magliano Sabina Ashram, Magliano Sabina (Italy)

1992.04.19 ईस्टर पूजा, टॉक, रोम, इटली डीपी यह दिन हम सब के लिये हर्षित होने के लिए एक बहुत बड़ा दिन है और ईसा मसीह के इस पुनरुत्थान का आनंद लेने के लिए। ईसा मसीह का पुनरुत्थान हम सबका आज्ञा चक्र खोलने के लिये हुआ था। क्योंकि यह एक बहुत ही सूक्ष्म चक्र था जैसा की आप जानते हैं, बहुत जटिल। मनुष्य की जड़ता से परिपूर्ण विचारों के कारण और उनके अहंकार से, जिसने आज्ञा चक्र को बुरी तरह से बंद किया हुआ था, जिसमें से कुंडलिनी का निकलना पूर्णतय असंभव सा लगता था। इसलिए पुनरुत्थान का यह खेल खेला गया और ईसा मसीह मात्र चैतन्य थे और कुछ भी नहीं। वह मृत्यु से पुनर्जीवित हुए ऐसा कहा जाता है। ईसा मसीह की इस मृत्यु के कारण, हमें समझना होगा कि हमें हमारा पुनरूत्थान प्राप्त हो सका। हमने पुनरूत्थान प्राप्त किया और इसी के साथ जो कुछ भी भूतकाल में था वह नष्ट हो गया, अब समाप्त हो गया। इसलिए हमारे भीतर जो पश्चाताप है, जो जड़ता है वो समाप्त हो चुकी है। किन्तु फिर भी यह बहुत आश्चर्य की बात है कि ईसाई राष्ट्रों में अहंकार उस प्रकार से कम नहीं हुआ जैसा कि होना चाहिए था। सम्भवतः यह हो सकता है कि यहाँ ईसा मसीह को कभी भी उचित प्रकार से पूजा नहीं गया। पश्चिमी देशों में अहंकार इतना प्रभावी है कि कोई नहीं देख सकता कि वो क्या कर रहे हैं और कितनी दूर जा रहे हैं। बिना कारण ही वो किसी ऐसी बात का पश्चाताप कर Read More …

Easter Puja: You Have To Grow Vertically Eastbourne (England)

1990-04-22 ईस्टरपूजा प्रवचन : आपको उर्ध्व दिशा में उत्थान करना है। ब्रिटेन,डीपी आज हम यहाँ पूजा करने जा रहें हैं, ईसा मसीह के पुनरुत्थान की। और साथ ही उन्हें धन्यवाद देना है,  हमें प्रदान करने के लिए ,एक संत का आदर्श जीवन , जिसे कार्य करना है ,संपूर्ण विश्व  के कल्याण लिए । हम ईसा मसीह की बात करते हैं ।हम श्री गणेश   भजन का गायन करते हैं । हम कहते हैं कि हम उनको मानते हैं । विशेष रूप से सहजयोगियों को लगता है कि उनके सभी भाइयों में वे  सबसे बड़े  हैं  ।और एक प्रबल  , समर्पण मैं पातीं हूँ, विशेष रूप से पाश्चात्य सहज योगियों में, ईसा मसीह के लिए । कारण कि शायद हो सकता है कि उनका जन्म ईसाई धर्म में हुआ हो ।अथवा हो सकता है कि उन्होंने  ईसा मसीह के जीवन को पाया हो ,एक बहुत  विशेष प्रकार का  । परंतु उन्हें उस से कहीं अधिक होना है सहज योग के लिए , और आप सहज योगियों के लिए । बहुत से लोग अनेक देवी-देवताओं को मानते हैं । जैसे कुछ लोग श्री कृष्ण को मानतें  हैं, कुछ लोग श्री राम को , कुछ लोग बुद्ध को , कुछ लोग महावीर को एवं कुछ लोग ईसा मसीह को। पूरी दुनिया में, वे अवश्य विश्वास करतें हैं, किसी उच्चतर अस्तित्व में । परंतु शुरुआत मे यह विश्वास बिना योग के  होता है ।और बन जाता है एक प्रकार का,  मिथक  कि वे सोचते हैं कि ,ईसा मसीह उनके अपने  हैं, राम उनके अपने Read More …

Easter Puja: You have to be strong like Christ Shudy Camps Park, Shudy Camps (England)

ईस्टर पूजा। शुडी कैंप (इंग्लैंड), 3 अप्रैल 1988। मुझे देर से आने के लिए खेद है, लेकिन मैं आपको बताती हूँ कि मैं सुबह से काम कर रही हूं। अब, आज हम यहां ईसा मसीह के पुनरुत्थान का जश्न मनाने के लिए आये हैं। सभी सहजयोगियों के लिए ईसा मसीह का पुनरुत्थान सबसे अधिक महत्व का है। और हमें यह समझना होगा कि उन्होने स्वयं को इसलिए पुनरुत्थित किया ताकि हम लोग खुद का पुनरूत्थान कर सकें। उनके जीवन का संदेश उनका पुनरुत्थान है न कि उसका क्रूस। उसने हमारे लिए क्रूस उठाया और हमें अब और नहीं सहने कि  आवश्यकता नहीं है। मैं देख रही हूँ कि बहुत से लोग इस नाटक को अब भी चलाये जा रहे हैं: वे यह दिखाने के लिए क्रूस को ढोए जा रहे हैं जैसे कि हम ईसामसीह के लिए कार्य करने जा रहे हैं! मानो वह नाटक करने वाले इन लोगों के लिए कोई काम छोड़ गये हो। लेकिन यह सब ड्रामा खुद को धोखा देने और औरों को धोखा देने का है। इस तरह की बेकार चीजें करते रहने का कोई मतलब नहीं है यह प्रदर्शित करने के लिए कि ईसामसीह ने कैसे दुख उठाया। आपके रोने-धोने  के लिए, ईसामसीह ने कष्ट नही उठाया। उन्होंने दुख इसलिए उठाया कि आपको आनंद प्राप्त होना चाहिए, कि आपको खुश रहना चाहिए, कि आपको उस सर्वशक्तिमान के प्रति पूर्ण आनंद और कृतज्ञता का जीवन जीना चाहिए जिसने आपको बनाया है। वह परमात्मा कभी नहीं चाहेंगे कि आप दुखी हों। कौन सा पिता अपने बेटे Read More …

Easter Puja: Materialism Ashram of Pichini, Rome (Italy)

1987-04-19 ईस्टर पूजा वार्ता, भौतिकवाद, रोम आश्रम, रोम, इटली, डीपी आप सभी को ईस्टर की शुभकामनाएँ! आज का दिन महान दिन है। जब ईसा मसीह के पुनरुत्थान का उत्सव  मनाने हेतु रोम में आकर अब हमें ईसाई धर्म का पुनरुत्थान करना है, जो ईसा मसीह के पुनरुत्थान की विपरीत दिशा में बढ़ रहा है। जैसा कि आप जानते हैं कि ईसा मसीह केवल चैतन्य थे, लेकिन वे  चैतन्य-रूपी शरीर में आए। उनका सम्पूर्ण  शरीर चैतन्य का बना हुआ था, और उन्होंने स्वयं को पुनर्जीवित किया दुनिया को यह दिखाने के लिए आप स्वयं को पुनर्जीवित भी कर सकते हैं, यदि आप अपने शरीर को चैतन्य से भर लें। भौतिक पदार्थ और आत्मा के बीच हमेशा संघर्ष होता है। मानव जीवन में जो हम देखते हैं भौतिक पदार्थ सदैव  आत्मा को अपने अधीन करने का प्रयत्न  कर रहे हैं और इस तरह हम अपने पुनरुत्थान में असफल हो जाते हैं। हम अपने पुनरुत्थान में असफल होते हैं क्योंकि हम भौतिकता के लिए राज़ी होते हैं। हम जड़ वस्तुओं से आए हैं – उसमें वापस जाना आसान है। परंतु सभी ईसाई राष्ट्रों ने भौतिक विकास अपना लिया है – भौतिकता के साथ पहचान, न कि जड़ वस्तुओं से उच्च बनाने का कार्य। हम ग़लत क्यों हो गए हैं क्योंकि भौतिक पदार्थ हमारे लिए अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं । हमारा इस जड़ता के साथ इतना तादात्म्य बनता जा रहा है,  हमारे शरीर के साथ, और वे सब जो  हमारे लिए भौतिक पदार्थ हैं। लोग भौतिक चीज़ों को लेकर बहुत चिंतित हैं। मैं Read More …

Easter Puja: Forgiveness Temple of All Faiths, Hampstead (England)

                        ईस्टर पूजा टेम्पल ऑफ़ आल फैथ, लंदन (यूके)  २२ अप्रैल १९८४। आज हम ईसा-मसीह के पुनरुत्थान का जश्न मना रहे हैं और इसके साथ हमें मनुष्यों के पुनरुत्थान का भी जश्न मनाना है, सहज योगियों का, जिन्हें आत्मसाक्षात्कारीयों के रूप में पुनर्जीवित किया गया है। इसके साथ हमें यह समझना होगा कि हम एक नई जागरूकता में प्रवेश कर रहे हैं। क्राइस्ट को किसी नई जागरूकता में प्रवेश करने की कोई आवश्यकता नहीं थी, उन्हें इस दुनिया को यह दिखाने के लिए बार-बार नीचे आना पड़ा कि आप शाश्वत जीवन हैं, कि आप एक ऐसा जीवन जियें जो आध्यात्मिक हो, जो कभी नष्ट नहीं होता है। आपको उस नए क्षेत्र में उत्थान करना होगा जो सर्वशक्तिमान ईश्वर का क्षेत्र है, जिसे आप ‘ईश्वर का राज्य’ कहते हैं। और उसने नीकोदमस से बहुत स्पष्ट रूप से कहा, “तुम्हें फिर से जन्म लेना होगा,” और जब उसने पूछा, “क्या फिर से जन्म लेने के लिए मुझे अपनी माँ के गर्भ में वापस प्रवेश करना होगा?” और उन्होने इसे बहुत स्पष्ट रूप से कहा! यह बहुत स्पष्ट है। जो देखना नहीं चाहते वे अंधे रह सकते हैं! लेकिन उन्होने यह बहुत स्पष्ट रूप से कहा कि, “नहीं,” अर्थात्, “जो कुछ मांस से पैदा हुआ है वह मांस ही है, लेकिन जो कुछ आत्मा से पैदा हुआ है वह आत्मा है।” मेरा मतलब है कि इससे ज्यादा स्पष्ट और कुछ नहीं हो सकता है, कि इसे आत्मा से पैदा होना है। बेशक, इंसानों में हर चीज को घुमा देने की एक विशेष क्षमता होती Read More …

Easter Puja and Havan, The Creation of Lord Jesus Nirmala Palace – Nightingale Lane Ashram, London (England)

ईस्टर पूजा, “प्रभु यीशु मसीह का सृजन”| नाइटिंगेल लेन आश्रम, लंदन (इंगलैंड), १९८२–०४–११| आप सभी को ईस्टर की शुभकामनाएँ। आज हम उस  दिन का उत्सव मना रहे हैं जो बहुत, बहुत महत्वपूर्ण है, पूर्ण रूप से, सबसे अधिक महत्वपूर्ण दिन हम कह सकते हैं जब इतनी महान घटना घटित हुई। और इसे  इसी प्रकार घटित होना था क्योंकि, यह सब एक प्रकार से नियत था|  मेरे पिछले व्याख्यानों में, मैंने आपको बताया है कि किस प्रकार ईसा मसीह का पहले वैकुंठ में सृजन हुआ। ‘देवी महात्म्य’ के अनुसार – यदि आप इसे पढ़ें – उनका सृजन महाविष्णु के रूप में हुआ; और यह बहुत स्पष्ट रुप से लिखा हुआ है कि पहले उनका सृजन एक अंडे के रूप में हुआ था। यह इस ग्रंथ में लिखा हुआ  है, जो संभवत लगभग  १४००० वर्ष पूर्व लिखा गया था। यह ग्रंथ ईसामसीह के बारे में भविष्यवाणी करता है और और इसलिए लोग, विशेषकर पश्चिम में, एक दूसरे को मित्रता स्वरूप एक अंडा भेंट करते हैं । अतः, पृथ्वी पर सबसे पहले अंडे के रूप में जो अस्तित्व हुआ वह ईसा मसीह थे और उसका एक भाग उसी स्थिति में रखा गया और शेष भाग आदि शक्ति द्वारा , महालक्ष्मी द्वारा , ईसा मसीह के सृजन में उपयोग किया गया। उस प्राचीन ग्रंथ में उन्हें ‘महाविष्णु’ कहा गया, अर्थात विष्णु का महत्तर स्वरूप। किंतु वास्तव में, विष्णु पिता हैं और वे आदिशक्ति द्वारा सृजित पुत्र हैं। मेरे व्याख्यान के पश्चात मैं चाहूँगी, यदि आपके पास वह ग्रंथ हो, तो  इनके लिए पढ़ा जाए- Read More …

Easter Puja: The Meaning of Easter London (England)

1980-04-06 ईस्टर का अर्थ, डॉलिस हिल आश्रम, लंदन, ब्रिटेन … जैसे कि आज मैं एक मुस्लिम लड़के से बात कर रही थी और उसने कहा कि “मोहम्मद साहब एक अवतरण नहीं थे।“ “तो वे क्या थे?” “वे एक मनुष्य थे , परंतु परमात्मा ने उन्हें विशेष शक्तियां दी हैं।” मैंने कहा, “बहुत अच्छा तरीका है!” क्योंकि यदि आप कहते हैं कि वे एक मनुष्य थे, मानव जाति के लिए  यह कहना बहुत अच्छा है कि “वे केवल एक मानव थे , वे इस पृथ्वी पर आये , और हम उनके समकक्ष हैं।” जो आप नहीं हैं। इसलिए विस्मय और वह श्रद्धा जैसा कि आप इसे कहते हैं, वह हमारे अंदर नहीं आती है । व्यक्ति सोचने  शुरू लगता हैं कि वह ईसा मसीह के समान हैं, मोहम्मद साहब के समान है, इन सभी लोगों के सम कक्षा है! और वे कहां और हम कहां हैं? जैसे, यहां, लोग ईसामसीह के जीवन के साथ कैसे खेल रहे हैं! वे स्वयं अपने को ईसाई कहते हैं, और वे उनके जीवन के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाते हैं, क्योंकि यह बनना है जिसके बारे में उन्होंने चर्चा की थी।  उन्होंने इन सब निरर्थक की बातों के विषय में बात नहीं की थी । दूसरी बात हम कोई सम्मान नहीं करते हैं । हमारे हृदय में कोई आदरपूर्ण भय नहीं है कि एकमव वही हैं जिन्होंने एक के बाद एक कई ब्रम्हांडों की रचना की है और हम क्या है, उनकी तुलना में? हम न्यायधीशों  की तरह  बैठ कर उनका निर्णय कर रहे हैं। Read More …