Shri Ekadasha Rudra Puja Moedling (Austria)

1988-06-08 Ekadasha Rudra Puja, Meodling, Austria [English to Hindi translation] आध्यात्मिकता के इतिहास में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। सभी पैगम्बरों ने एक रुद्र अवतरण की भविष्यवाणी की। उन्होंने कहा कि एकादश अवतार आएंगे और सारी असुरी शक्तियों तथा सारी परमात्मा विरोधी गतिविधियों को नष्ट करेंगे। वास्तव मैं एकांदश तत्व की रचना भवसागर मे होंती हैं क्योंकि जब अंतरिक्ष अपनी ध्यान धारणा के माध्यम से भ्रम सागर को पार करने के लिए तैयार होते हैं तो असुरी शक्तियाँ उन्हें सताती हैं, कष्ट देती हैं, उनका मार्ग में बाधा डालती हैं तथा उनका वध करती हैं| ये नकारात्मक शक्तियाँ मानवीय असफलताओं क॑ कारण पनपी। मनुष्य जब असफल हुआ तो उसकी द्रष्टि अपने से बेहतर लोगों पर पड़ी और उसे लगा कि वह तो उन मनुष्यों क॑ मुकाबले कहीं भी नहीं है। कई बार क्रोध एवं ईर्ष्या के कारण उसमें दुष्ट स्वभाव जाग उठा जिसने भवसागर मैं परमात्मा विरोधी नकारात्मकता की सृष्टि की। इस प्रकार भवसागर में दुष्टता को आकार प्रदान किया गया। जैसा आप सहजयोग मे देखते हैं, बहुत्त बार हमने ऐसा देखा होगा, जब आप किसी गलत गुरू या गलत व्यक्ति के पास जाते हैं या कोई अनधिकारी पूजा करते है तो आपका दायां भवसागर पकड़ता है। बाए भवसागर में गे सारी विध्वंसक शक्तियां कार्य करती हैं। विकास प्रक्रिया में भी बहुत से पौधे, पशु आदि मध्य में न होने के कारण नष्ट हो गए, क्योंकि वे अत्यन्त अहंकारी और चालाक थे | कुछ बहुत बड़ें थे, कुछ बहुत छोटे थे। उन सबको बाहर फैंक दिया गया और बाहर Read More …

एकादश रुद्र पूजा Como (Italy)

एकादश रुद्र पूजा कोमो (इटली) १६ सितम्बर, १९८४ आज, हम एक विशेष प्रकार की पूजा कर रहे हैं जो एकादश रुद्र की महिमा में की जाती हैं । रुद्र – यह आत्मा की, शिवजी की विनाशकारी शक्ति हैं । एक ऐसी शक्ति, जो स्वभाव से क्षमाशील हैं। वह क्षमा करती हैं, क्योंकि हम इंसान हैं, हम गलतियां करते हैं, हम गलत काम करते हैं, हम प्रलोभन में फस जाते हैं, हमारा चित्त स्थिर नहीं रहता – इसलिए वह हमें क्षमा करते हैं। वह हमें तब भी क्षमा करते हैं जब हम अपनी पवित्रता को खराब करते हैं, हम अनैतिक चीजें करते हैं, हम चोरी करते हैं, और हम उन चीजों को करते हैं जो परमात्मा के खिलाफ हैं, उनके (परमात्मा के ) खिलाफ बाते करते है, तो भी वह हमें क्षमा करते हैं, । वह हमारा छिछलापन (सुपरफिशिअलिटीज़ ), मत्सर, हमारी कामवासना, हमारे क्रोध को भी क्षमा करते हैं। इसके अलावा वह हमारे आसक्ति , छोटी ईर्ष्या, व्यर्थताओं और अधिकार ज़माने की भावना – को भी क्षमा करते हैं। वह हमारे अहंकारी व्यवहार और गलत चीजों से हमारे जुड़े रहने को भी माफ कर देते हैं। लेकिन हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है, और जब वह क्षमा करते हैं, तो वह सोचते हैं कि उन्होंने आप पर एक बड़ा अनुग्रह किया हैं, और जिन लोगों को क्षमा किया जाता हैं, और जो अधिक गलतियों को करने की कोशिश करते हैं, वह प्रतिक्रिया परमात्मा के अंदर क्रोध के रूप में बनती है । विशेष रूप से, आत्मसाक्षात्कार के बाद, क्योंकि Read More …

Shri Ekadasha Rudra Puja: We have to drop out many things Judy Gaddy’s Apartment, New York City (United States)

                                             एकादश रुद्र पूजा  न्यूयॉर्क सिटी (यूएसए)  17 सितंबर 1983 तो, भारतीय कैलेंडर के अनुसार आज का दिन, ‘परिवर्तनी एकादशी’ है। अब, आज चंद्रमा का ग्यारहवां दिन है। ग्यारहवां दिन ‘एकादशी’ है। साथ ही, सहज योग में, आप एकादश रुद्र के बारे में जानते हैं, जो यहां (माथा का उपरी भाग ) है; जो अंततः उन सभी चीजों को नष्ट कर देगा जिनकी अब आवश्यकता नहीं है। जो यहाँ स्थित एकादश है, यह ग्यारहवां है। लेकिन आज एक विशेष दिन है जहां हम एकादश की शक्ति का उपयोग  ‘परिवर्तन’ अर्थात ‘बदलाव करने के लिए करने जा रहे हैं। यह विनाश के लिए नहीं बल्कि परिवर्तन के लिए है। यह न्यूयॉर्क में होने वाला इस प्रकार का एक दिन है, जहां हम मानवों के परिवर्तन के लिए विनाशकारी शक्तियों का उपयोग करते हैं। तो आज बहुत ही महान दिन है कि हम लोगों को एकादश की शक्तियों कि अभिव्यक्ति द्वारा परिवर्तित करने जा रहे हैं। और वे ग्यारह यहां आपके कपाल पर स्थापित किये गए हैं, और आप जानते हैं कि वे कैसे काम करते हैं। तो, ये दस भवसागर की विनाशकारी शक्तियों से बाहर आते हैं। भवसागर  को दस विनाशकारी शक्तियां भी प्राप्त हैं। उन दस में से, विनाशकारी भाग यहां स्थापित होता है ( माथे के उपरी भाग की ओर इशारा करते हुए)। इसलिए जब कोई व्यक्ति अपने विनाश कि तरफ होता है, उदाहरण के लिए कहें कि एक कैंसर अंदर प्रवेश करता है, तो आप अपने भवसागर के शीर्ष पर यहां एक धड़कन महसूस कर सकते हैं, धड़कन। और Read More …