Shri Ganesha Puja: Your innocence will save this world Campus, Cabella Ligure (Italy)

2000-09-16 श्री गणेश  पूजा टॉक,  केबेला,इटली, डीपी आज, हम यहाँ एकत्र हुए हैं गणेश पूजा करने के लिए। मैं भली-भांति जानती हूँ कि गणेश  प्रतीक हैं पवित्रता के, निर्मलता के और पूजा करने के लिए अबोधिता की । जब आप श्री गणेश की पूजा कर रहे होते हैं तो आप को पता होना चाहिए कि वह अवतार हैं अबोधिता का । मैं जानने के लिए उत्सुक हूँ कि हम ‘ अबोधिता ‘ का अर्थ समझते हैं या नहीं । अबोधिता एक गुण है, जो अंतर्जात है, जिसे बलपूर्वक स्वीकार नहीं कराया जा सकता है, जिसमें प्रशिक्षित नहीं किया जा सकता है । यह केवल एक गुण है, सहज गुण, एक मानव के भीतर। जब वह श्री गणेश का अनुयायी बन जाता है तो वह एक अबोध व्यक्ति बन जाता है। हो सकता है कि आप कहें कि अबोध व्यक्तियों पर चालाक लोगों द्वारा आक्रमण किया जाता है, आक्रामक लोगों द्वारा, किन्तु अबोधिता इतनी महान बात है कि इसे नष्ट नहीं किया जा सकता है। यह गुण है आत्मा का । अबोधिता आत्मा का गुण है; और जब यह आत्मा आपके भीतर जागृत हो जाती है, तो आपको अबोधिता की शक्ति मिलती है, जिसके द्वारा आप उन सभी चीज़ों पर विजयी होते हैं जो नकारात्मक हैं, वो सब जो अनुचित है, वो सब जो हानिकारक है आपके विकास के लिए, आध्यात्मिक समझ के लिए। इसलिए अबोध होना संभव नहीं है । आपको अबोध होना होगा, इस अर्थ में कि आप अंतर्जात रूप से अबोध हैं । यह होता है सहज योग Read More …

New Year Puja: Mother depends on us Sangli (भारत)

नव वर्ष पूजा  सांगली (भारत), 1 जनवरी, 1990 कल का अनुभव यह रहा कि पूरा दिन पुलिस वालों को समझाने में बीत गया। और अब मुझे लगता है कि महाराष्ट्र में माफिया का राज है। और ऐसा कि, हमें इसका सामना करना है और हमें इसे साबित करना है। मुझे खेद है कि कुछ लोगों को इतनी बुरी तरह चोट लगी है और मुझे लगता है कि पूजा के बाद वे आपको अस्पताल ले जाएंगे। यहाँ एक बहुत अच्छा अस्पताल है जहाँ हमारे पास बहुत अच्छे डॉक्टर हैं। और फिर मैं आपसे अनुरोध करूंगी कि आप यह जान लें कि अच्छे और बुरे को हमेशा संघर्ष और लड़ाई करना पड़ती है। पहले इस महान देश महाराष्ट्र में सभी संतों को इतना प्रताड़ित किया जाता था कि आश्चर्य होता है कि इतना सब होते हुए भी उन्होंने अध्यात्म का परचम कैसे ऊंचा रखा। वे अभी भी मौजूद हैं, वही लोग, जिन्होंने संतों को प्रताड़ित किया है और मुझे लगता है कि वे वही लोग हैं जिन्होंने आप सभी के प्रति इतना बुरा व्यवहार किया है। इस प्रकार की अहं-यात्रा सभी में निर्मित होती है – यहाँ तक कि सहजयोगियों में भी, यह निर्मित होती है। और वे (दुष्ट) हर समय एक अलग दृश्य पर होते हैं। यह हिटलर के व्यवहार की शैली जैसा है कि आप किसी तरह का मुद्दा उठा लेते हैं। मुद्दा कुछ भी हो सकता है, जैसे वे कह रहे हैं कि “हम सभी अंधविश्वासों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं”। मेरा मतलब है, मैंने इसे Read More …

Adi Shakti Puja: Detachment Residence of Madhukar Dhumal, Rahuri (भारत)

आदि शक्ति पूजा, वैराग्य, राहुरी (भारत),11 दिसंबर 1988 पूजा उस समय आरंभ होती है, जब इसे आरंभ होना होता है और मैं प्रतीक्षा और प्रतीक्षा और प्रतीक्षा कर रही हूँ।फिर मुझे एहसास हुआ कि आज बहुत अच्छा समय है, पंचांग के अनुसार, परंतु यह प्रातः का नहीं है,तो इसे चंद्रमा का तीसरा दिन होना थाऔर जैसा कि चंद्रमा दिन के समय में अपनी कलाएँ बदल रहा है, हमें प्रतीक्षा करनी पड़ी जब तक यह आरंभ नहीं हुआ। मुझे लगता है, ये सब चीज़ें हुईं; चोरी की और सब कुछ हुआ, संभवतः पूजा को उस समय तक टालने के लिए जब इसे आरंभ होना चाहिए।तो सहज योग में हम सभी समय से परे चले जाते हैंऔर हमें समय के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती। मात्र जब तक यह एक औपचारिक कार्यक्रम या ऐसा कुछ हो, क्योंकि लोग औपचारिक हैं और वे हमारी शैलियों को नहीं समझते हैं।इसलिए हमें वहाँ सही समय पर उपस्थित होना होता है,अन्यथा हमें समय को स्वमार्ग लेनेदेना चाहिए और इसे हमें अपनी तरह से जानना चाहिए।अब हमारी यात्रा और इस दौरे के बारे में हमें यह जानना होगा कि हम यहाँ पाने के लिए आए हैं एक निश्चित ऊँचाई अपनी निर्लिप्तता में, हमें अपनी स्थिति के क्षेत्र में ऊपर उठना हैजबकि आसपास की परिस्थितियाँ,वे हमें घेरे हुए हैं और वे हमें दुखी नहीं कर सकतीया पक्षपाती, या हमें उन पर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए।इसके विपरीत हमें उनसे ऊपर उठने का प्रयास करना चाहिए। यदि कुछ विकृत घटित न हो तो आप परम की बढ़ती Read More …

Raksha Bandhan and Maryadas (England)


(परम पूज्य श्रीमाताजी निर्मला देवी, रक्षाबंधन, मर्यादा, लंदन, 1984) 
यू.के. के इस सुंदर दौरे के बाद मुझे भरोसा हो चला है कि सहजयोग ने अब अपनी जड़ें पकड़ ली हैं और उनमें से कुछ पौधों को उगते हुये भी आप देख सकते हैं। यह हैरान करने वाली बात है कि जैसे ही मैंने घोषणा की कि यह मेरा यू.के. का यह आखिरी दौरा होगा तो सब कुछ क्रियान्वित होने लगा है। जहां-जहां भी हम गये हमारा दौरा सफल और अच्छा रहा खासकर कुछ स्थानों पर तो यह अत्यंत चमत्कारपूर्ण भी था। आपने उस महिला के बारे में तो अवश्य ही सुना होगा जो अपने घर से बाहर निकलती ही नहीं थी …….. क्योंकि वह एग्रोफोबिया नामक रोग से पीड़ित थी। प्रेस ने हमें चुनौती दे डाली थी कि हमें उसको ठीक करना ही होगा क्योंकि वह अपने घर से बाहर निकल ही नहीं पाती थी। उसके फोटोग्राफ पर कार्य करने और थोड़े से उपचार मात्र से ही वह ठीक हो गई और अब वह अच्छी तरह से चल फिर लेती है। मीडिया ने अखबारों में बड़ी खबर बना कर इसे छाप दिया …….. जब गुरू माँ ने अपना वचन निभाया। यह उन चमत्कारों में से केवल एक है जबकि ऐसे कई चमत्कार घटित हो चुके हैं जिसकी रिपोर्ट भी आप देख सकते हैं। मुझे कहना चाहिये कि आप सभी सहजयोगियों ने मुझसे सहयोग किया, वे सभी बहुत सक्रिय और अत्यंत प्रोग्रेसिव भी थे। मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता हुई कि वे आगे बढ़ना चाहते हैं और स्वयं में सुधार भी Read More …

The Value of Marriage Dollis Hill Ashram, London (England)

                                            “विवाह का आदर्श” डॉलिस हिल आश्रम, लंदन (यूके), 8 मार्च 1980 ..तो सहज योग सबसे पहले आपका अंकुरण शुरू करता है, फिर विकास करता है। उस वृद्धि में, आपको एक व्यापक, अधिक व्यापक व्यक्तित्व बनना होगा। शादी के साथ आप एक और भी बेहतर इंसान बनते हैं, और आप एक बेहतर व्यक्तित्व का विकास करते हैं। अब, सहज योगियों के लिए शादी क्यों जरूरी है? सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात, शादी करना सबसे सामान्य बात है। भगवान ने आपको  शादी करने की इच्छा किसी उद्देश्य से दी है। लेकिन, उसी इच्छा का उपयोग , यदि आप उस उद्देश्य के लिए नहीं करते, जिसके लिए इसे दिया जाता है, तो यह विकृति बन सकता है, यह एक बुरा काम बन सकता है। यह आपके विकास के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। तो हमारे भीतर शादी करने की इस इच्छा को समझना चाहिए। शादी का मतलब एक पत्नी है, जो आपके अस्तित्व का अंग-प्रत्यंग है। एक पत्नी जिस पर आप निर्भर हो सकते हैं। वह आपकी मां है, वह आपकी बहन है, वह आपका बच्चा है, वह सब कुछ है। आप अपनी सारी भावनाओं को अपनी पत्नी के साथ साझा कर सकते हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि पत्नी ऐसी होनी चाहिए, जो यह समझे कि उपरोक्त यह सब बातें, शादी की ज़रूरत है। अब, सहज योग में, जैसा कि आपने देखा है, आप सभी को या तो बाईं या दाईं ओर समस्या है। अब, जब ये विवाह होंगे, ज्यादातर अनायास, यह प्रकृति की योजना से ही होगा, कि आप एक Read More …