श्रीगणेश अत्यंत शक्तिशाली देवता हैं Campus, Cabella Ligure (Italy)

श्रीगणेश अत्यंत शक्तिशाली देवता हैं श्रीगणेश पूजा, कबैला लीगर(इटली), 25 सितम्बर 1999 आज हम सब यहाँ पर श्रीगणेश की पूजा के लिये एकत्र हुये हैं। आप सभी जानते हैं कि वे कितने शक्तिशाली देवता हैं। उनकी ये शक्तियां उनकी अबोधिता से आती है। जब भी हम छोटे बच्चों को देखते हैं तो तुरंत ही हम उनकी ओर आकर्षित हो जाते हैं और उनको प्यार करना चाहते हैं … उन्हें चूमना चाहते हैं और उनके साथ रहना चाहते हैं वे इतने अबोध होते हैं … अत्यंत अबोध। यदि हम श्रीगणेश की पूजा करना चाहते हैं तो हमें सोचना चाहिये कि क्या हम सचमुच ही अबोध और निष्कलंक हैं। आजकल लोग अत्यंत चालाक और मक्कार हो गये हैं और मक्कारी के मामले में वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। वे सरल और मासूम लोगों के साथ अनेकों मक्कारी भरे खेल खेलते हैं। वे सोचते हैं कि इस आधुनिक समय में हमेशा वे ही सही हैं और बाकी लोग अत्यंत शातिर और धूर्त हैं। ये धूर्तता उनको अत्यंत दांई नाड़ी प्रधान बना व्यक्ति बना देती है जो अत्यंत भयावह है …. क्योंकि कुछ लोगों में इसके कारण कुछ भयानक शारीरिक समस्यायें भी हो जाती हैं जैसे कि उनके हाथ कांपने लगते हैं या उनके पैरों में लकवा मार जाता है। उनको लिवर से संबंधित अनेकों समस्यायें भी हो जाती हैं। इससे भी बढ़कर उनको सजा देने के लिये उन्हें मनोदैहिक रोग भी जकड़ लेते हैं। जैसे ही आपको इस प्रकार की कोई दांई नाड़ी प्रधान बीमारी हो जाय तो आपको श्रीगणेश Read More …

Shri Bhumi Dhara Puja (England)

धरती माँ के क्रोध से ज्वालामुखी फूटने लगते हैं….. जय श्री माताजी। कृपया आदि भूमि देवी से प्रार्थना करें कि माँ कृपया हमें क्षमा कर दें और हम सभी को शांति का वरदान दें ताकि संपूर्ण जगत में भी शांति का साम्राज्य हो। (श्री आदि भूमि पूजा, शूडी कैंप, यू0के0 3 अगस्त 1986) आज हम सब यहां धरती माता की पूजा करने के लये एकत्र हुये हैं ….. जिसको हम भूमि पूजा कहते हैं …. श्री धरा पूजा…. उनको धरा कहा जाता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ध का अर्थ है धारण करना … राधा का अर्थ है … शक्ति को धारण करने वाली और धरती तो सभी को धारण करती है … हम को धारण करती है। हम धरती पर ही निवास करते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि धरती तीव्र गत से घूम रही है। अगर उनका गुरूत्वाकर्षण न होता तो आज हमारा अस्तित्व भी न होता। इसके अतिरिक्त उन पर वातावरण का भी अत्यधिक दबाव है। वह समझती हैं…सोचती हैं…. समन्वयन और सृजन भी करती है। आपने देखा ही है कि जब आप धरती पर नंगे पांव खड़े होते हैं और मेरे फोटोग्राफ के सामने प्रकाश जलाकर उनसे प्रार्थना करते हैं कि वह आपकी नकारात्मक ऊर्जा को सोख लें तो वह किस प्रकार से आपकी नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेती हैं। वह मुझे जानती हैं क्योंकि वह मेरी माँ हैं। वह आप सबकी नानी माँ हैं। इसीलिये वह आपका पोषण करती हैं… आपकी देखभाल करती हैं। सुबह सवेरे जब हम जागते हैं Read More …

Shri Ganesha Puja: Four Oaths Hotel Riffelberg, Zermatt (Switzerland)

श्री गणेश पूजा  जर्मेट (स्विट्जरलैंड), 2 सितंबर 1984। जब हम इस पवित्र पर्वत, जिसे हमने गणराज नाम दिया है, की पूजा करने आए हैं तो मेरी खुशी का कोई पार नहीं है। कभी-कभी शब्द आपकी खुशी को व्यक्त करने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं। मैं आपकी माँ के प्रतीक के रूप में आपके पास आती हूँ, लेकिन पहला पुत्र जो रचा गया वह श्री गणेश थे। और फिर, जब मातृत्व के प्रतीक के रूप में धरती माता को बनाया गया, तो उन्होंने इस ब्रह्मांड में कई श्री गणेश बनाए। ब्रह्माण्ड में जिस तारे को मंगल कहा जाता है वह गणेश, श्री गणेश है। ये सभी प्रतीक आप, सहज योगियों के लिए, उन्हें पहचानने के लिए बनाए गए थे। यदि आप एक आत्मसाक्षात्कारी हैं तो इन सभी प्रतीकों को पहचानना आसान है। लेकिन हमारे पास अतीत में बहुत उच्च गुणवत्ता वाली कई महान आत्म ज्ञानी आत्माएं हैं, और उन्होंने बहुत समय पहले ही पता लगा लिया था, श्री गणेश के प्रतीकों को पहचान लिया था|। भारत सम्पूर्ण पृथ्वी,  धरती माता का सूक्ष्म रूप है। तो, महाराष्ट्र के त्रिकोण में, हमें आठ गणेश मिले हैं जो चैतन्य प्रसारित कर रहे हैं और महाराष्ट्र के महान संतों द्वारा पहचाने गए थे। लेकिन जैसा कि आपने देखा है, इन महान संतों की कृपा से, विशेष रूप से महाराष्ट्र में, ऐसे मनुष्यों का निर्माण हुआ है जिनमें उनकी भावना और मन की उच्चतम अभिव्यक्ति को श्रद्धा के रूप में रखा गया है। मन में उस उच्च दृष्टि के कारण, जब भी वे इस उत्कृष्ट Read More …