Devi Puja: In 10 years we can change the whole world & Weddings Announcements Brahmapuri (भारत)

मुझे खेद है जो भी कल हुआ, लेकिन मुझे लगता है कि बुराई और अच्छाई के बीच युद्ध शुरू हो गया है, और आखिरकार अच्छाई की जीत होती है। आधुनिक युग में अच्छाई पर बुराई हावी रहती थी लेकिन अब इस कृत युग में बुराई पर अच्छाई की पूरी तरह से जीत होगी, इतना ही नहीं, अच्छाई हर जगह फैलेगी। बुराई में अति तक जाने और फिर उत्क्रांती की प्रक्रिया से पूरी तरह बाहर हो जाने की क्षमता है। चूँकि वे अंधे हैं वे अच्छे को नहीं देख सकते हैं इसलिए वे बुरे हैं। यदि वे अच्छाई देख पाते तो वे अपनी बुराई छोड़ देते। हमारे देश में जो योग का देश है, विशेष रूप से महाराष्ट्र जो संतों का देश है, मैं यह सुनकर चकित रह गयी जो कि लोग क्या कर रहे हैं। इस बकवास के वास्तविक स्रोत में से एक रजनीश, भयानक आदमी लगता है, क्योंकि उसने यहां एक प्रदर्शनी लगाई है जिसमें सभी देवताओं की पूरी तरह से निंदा की गई है और सभी प्रकार की गंदी बातें कही गई हैं, और मुझे लगता है कि यहां के मुख्यमंत्री भी इसमें शामिल हैं।  वे सभी यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि कोई ईश्वर नहीं है, कोई आध्यात्मिकता नहीं है। वे यह स्थापित करना चाहते हैं कि विज्ञान ही सब कुछ है। भारत में हमारे पास विज्ञान की कोई विरासत नहीं है, हमारे पास अध्यात्म की विरासत है। मेरा मतलब है कि इस देश में इतने बड़े वैज्ञानिक के रूप में कोई भी विख्यात Read More …

Devi Puja: The Duties of a Guru Ganapatipule (भारत)

                                                      देवी पूजा  गणपतिपुले (भारत), 3 जनवरी 1987। आज चंद्रमा का तीसरा दिन है। चंद्रमा का तीसरा दिन तृतीया, कुंवारीयों के लिए विशेष दिन है। कुंडलिनी शुद्ध इच्छा है। यह कुंवारी है क्योंकि इसने अभी तक स्वयं को अभिव्यक्त नहीं किया है। और यह भी कि, तीसरे केंद्र नाभी पर, पवित्रता गुरु की शक्तियों के रूप में प्रकट होती हैं। जैसा कि हमें दस गुरु प्राप्त हैं, जिनका हम मूल गुरु के रूप में आदर करते  हैं, वे सभी उनकी बहन या बेटी को अपनी शक्ति के स्वरुप में रखते थे। बाइबिल के पुराने संस्करण में यह कहा गया है कि,  जो आने वाला है वह कुंवारी से पैदा होगा। और तब चूँकि यहूदी ईसा-मसीह को स्वीकार नहीं करेंगे, इसलिए उन लोगों ने ऐसा कहा कि “यह लिखा हुआ शब्द ‘कुंवारी’ नहीं है अपितु,  यह ‘लड़की’ लिखा है”।  अब संस्कृत भाषा में ‘लड़की’ और ‘कुँवारी’ एक ही शब्द है। हमारे पास आजकल की तरह 80 साल की लड़कियां नहीं थीं। तो एक महिला के कौमार्य का मतलब था कि वह एक ऐसी लड़की थी जिसकी अभी तक शादी नहीं हुई थी या जो अब तक अपने पति से नहीं मिली है। वह पवित्रता का सार है, जो गुरु सिद्धांत की शक्ति थी। तो, एक गुरु जो बोध प्राप्ति हेतु दूसरों का नेतृत्व करने का प्रभारी है, उसे यह जानना होगा कि उसकी शक्ति का उपयोग शुद्ध शक्ति की एक कुंवारी शक्ति के रूप में किया जाना है। एक गुरु इस शक्ति का उपयोग उस तरह से नहीं कर सकता जैसे एक Read More …

Shri Ganesha Puja: Establishing Shri Ganesha Principle YMCA – Camp Marston, San Diego (United States)

सैन डिएगो (यूएसए), 7 सितंबर 1986। आज हम श्रीकृष्ण की धरती पर श्री गणेश जी का जन्मदिन मना रहे हैं। यह कुछ बहुत ही अभूतपूर्व और बहुत महत्वपूर्ण मूल्य का है कि आपको श्री कृष्ण के पुत्र का जन्मदिन उनकी ही भूमि में मनाना चाहिए। आप जानते हैं कि श्री गणेश ने इस पृथ्वी पर महाविष्णु के रूप में अवतार लिया था और वे राधा के पुत्र थे, जिन्होंने प्रभु यीशु मसीह के रूप में अवतार लिया था। तो आज यह जन्मदिन मनाकर आप सबसे बड़े सत्य को पहचान रहे हैं कि प्रभु यीशु मसीह श्रीकृष्ण के पुत्र थे। इसके बारे में यदि आप देवी महात्मायम में पढ़ते हैं तोएक कहानी है, किस प्रकार यह आदि बालक एक अंडे का रूप लेता है और इसका आधा हिस्सा श्री गणेश के रूप में रहता है और आधा महाविष्णु बन जाता है। उत्क्रांति की प्रक्रिया में पुरावशेषों की इन सभी घटनाओं को दर्ज किया गया है लेकिन आज मैं इतनी प्रसन्न महसूस कर रही हूं कि मानव स्तर पर लोग समझ गए हैं कि ईसा भगवान गणेश के अवतार हैं। वह शाश्वत संतान है लेकिन जिस रूप में वह मसीह के रूप में आये, वह श्री कृष्ण के पुत्र के रूप में आये। लेकिन जब पार्वती ने श्री गणेश को बनाया, तब तो वे अकेली पार्वती के पुत्र थे। कोई पिता नहीं था। स्वयं पार्वती अपना ही एक पुत्र पैदा करना चाहती थीं। ऐसे देवदूत थे जो या तो विष्णु को या शिव को समर्पित थे, जैसे गण अकेले शिव को समर्पित Read More …