Shri Krishna Puja Los Angeles (United States)

श्री कृष्णा पूजा, लॉस एंजल्स (संयुक्त राज्य अमरीका ) १८ सितम्बर , १९८३  पहली बार जब मैं संयुक्त राज्य अमरीका में आई, तो सबसे पहले लॉस एंजिल्स आई थी । क्योंकि, ये देवदूतों का स्थान है। वास्तव में, मैंने सोचा था कि बिलकुल  ये बहुत पवित्र स्थान होगा आने के लिए, सर्वप्रथम, इस महान संयुक्त राज्य अमरीका की भूमि में।  अब जैसा कि आप जानते हैं कि संयुक्त राज्य अमरीका या सम्पूर्ण अमरीका विशुद्धि चक्र है। जिसमें से  इस विशुद्धि चक्र के, तीन पक्ष हैं। तो विशुद्ध चक्र का मध्य भाग संयुक्त राज्य है। विशुद्धि चक्र का मध्य भाग श्री कृष्ण द्वारा शासित है। और उनकी शक्ति राधा है। “रा – धा”। “रा”का अर्थ है शक्ति, “धा” वह जिसने शक्ति को धारण किया है। “रा – धा”। ” धा – रे – ती – सा”। तो वही हैं जिन्होंने शक्ति को धारण किया है, और इसलिए, उन्हें राधा कहा जाता है। वो श्री कृष्ण की शक्ति हैं। कृष्ण शब्द आया है कृषि शब्द से – अर्थात – हल चलाना। या आप कह सकते हैं, खेती को “कृषि” कहते है। जो हल चलाता है और बीज को मिट्टी में रोपित करता है, वह कृषि करता है। और इसी लिए उन्हें कृष्ण कहा जाता है। अब उन्होंने जो बीज बोया है , वो आध्यात्मिकता का बीज है  वो श्री कृष्ण हैं जिन्होंने संस्कृत में कहा था- “नैनं छिदंति शस्त्राणी, नैनं दहति पावकः, न चैनम् क्लेदयन्तियापो न शोशयति मारुतः। अर्थात – ऐसा नहीं हो सकता, अर्थात, आध्यात्मिक जीवन, या आप कह सकते है, Read More …