
Shri Ganesha’s Birthday House in Pratishthan, पुणे (भारत)
Talk held in occasion of Shri Ganesha’s Jayanti. Pratishthan (India), 10 February 2008. […]
Talk held in occasion of Shri Ganesha’s Jayanti. Pratishthan (India), 10 February 2008. […]
Gudi Padwa Puja Date 5th April 2000: Noida Place Type: Puja Speech
[Original transcript Hindi talk, scanned from Chaitanya Lahari]
अपने यहाँ हिन्दुस्तान में देवी के दो नवरात्र पवित्र कर देती थी। इतनी संहारक थी। ये माने जाते हैं। ये चैत्र नवरात्र जिसमें आज जो सातवीं शक्ति है उसे संहारक शक्ति का दिन जो शैल पुत्री के अवतरण का है। कहते हैं। उसके बाद संहारक शक्ति आई शैल पुत्री माने जब उन्होंने हिमालय में जन्म Right Side में चली गई इसी Right Side में लिया था इसलिए उनको शैल पुत्री कहते हैं सावित्री गायत्री आदि हैं। पर संहारक शक्ति और फिर उसमें और भी उनके नाम हैं । का जो प्रादुर्भाव हुआ मतलब एक दिशा Left लेकिन शैल पुत्री की विशेषता ये है कि में गई एक दिशा Right में गई और जो उनका प्रथम जन्म शैल पुत्री के रूप है । तो हिमालय की उस ठण्ड में देवी का जन्म संहारक शक्ति है वो Centre में चली गई। उसमें आप देखते हैं कि देवी के अनेक रूप हुआ और जो कुछ भी उन्हें करना था वो बही-शैल पुत्री ने किया लेकिन आगे की उनके रूप हैं जिससे उन्होंने संहार किया। कहानी तो आपको मालूम ही है कि दक्ष ने वो हृदय पर विराजमान हैं। हृदय चक्र में, […]
Aapko Sahajayoga Badhana Chahiye Date 5th December 1999: Place Delhi: Seminar & Meeting Type Speech Language Hindi
[Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari]
सत्य को पाने वाले सभी सहजयोगियों को जो आप उठा रहे है वो दूसरों को भी देना हमारा प्रणाम । आप लोग इतनी बड़ी संख्या में चाहिए। यहाँ उपस्थित हुए है ये देखकर मेरा वाकई में हिन्दुस्तान तो है ही मेरा देश और यहाँ आने में जो एक विशेष आनन्द होता है उसका वर्णन नहीं किया जा सकता और जब में आप लोगों के लोगों ने, […]
Guru Nanak Puja 23rd November 1999 Date: Noida Place Type Puja Speech Language Hindi
आज गुरु नानक साहब का जनम दिन है और सारे संसार में मनाया जा रहा है वैसे। और आश्चर्य की बात है कि इतना हिन्दुस्तान में मैंने नहीं देखा, फर्स्ट टाइम इतना पेपर में दिया है, सब कुछ किया है । उन्होंने सिर्फ सहज की हैं। धर्म के बारे में कहा, उपवास बात की। सहज पे बोलते रहे। हमेशा कहा, कि सब जो है बाहर के अवडंबर करना, […]
जन्म दिवस पूजा दिल्ली मार्च 20, 1995
अपने ही जन्मदिन में क्या कहा जाए? जो उम्मीद नहीं थी वो आप इतने लोग सहजयोग में आज दिल्ली में बैठे हुए हैं, इससे बढ़कर एक माँ के लिए घटित हो गया है। और कौन सा जन्म दिन हो सकता है? आप लोगों ने आत्मसाक्षात्कार को प्राप्त किया है, ये भी आप का जन्मदिन है। एक महान कार्य के लिए आप लोग तैयार हुए हैं। और ये महान कार्य आज तक कभी हुआ नहीं। उसके आप संचालक हैं । इससे बढ़कर और मेरे लिए क्या सुख का साधन हो सकता है? […]
Christmas Puja 25th December 1990 Date : Ganapatipule Place Type Puja
आपमें से लोग मेरी बात इंग्लिश में नहीं समझ पाये होंगे। ईसामसीह का आज जन्म दिन है और मैं कुछ समझा रही थी कि ईसामसीह कितने महान हैं। हम लोग गणेश जी की प्रार्थना और स्तुति करते हैं क्योंकि हमें ऐसा करने को बताया गया है। पर यह है क्या? गणेशजी क्या चीज़ हैं? हम कहते हैं कि वो ओंकार हैं, ओंकार क्या है? सारे संसार का कार्य इस ओंकार की शक्ति से होता है। इसे हम लोग चैतन्य कहते हैं, […]
Shri Surya puja. Kalwe (India), 14 January 1990.
Table of Contents[Hindi Transcript][English Transcript]
[Hindi Transcript]
1990-0114 मकर सक्रांति पूजा, कलवे,
आज के इस शुभ अवसर पे, इस भारतवर्ष में, हर जगह खुशियां मनाई जा रही हैं। इसका कारण यह है कि, सूर्य, जो हमें छोड़ कर के, भारत को छोड़कर और मकर वृत्त पे गया था, वह अब लौट के आया है। और पृथ्वी और सूर्य के युति के साथ, जो जो वनस्पतियां खाद्यान्न आदि चीजें होती हैं, […]
मैं सभी सहजयोगियों को नमन करती हूं।इन खूबसूरत परिवेश में, आप में से कई लोग सोच रहे होंगे कि परमात्मा ने इन खूबसूरत चीजों को क्यों बनाया है। क्योंकि आप लोगों को इस धरती पर आना था और उस सुंदरता का आनंद लेना था, जो कि इसका एक कारण है। और अब ईश्वर आनंद और संतुष्टि के साथ बहुत अधिक तृप्ति और एक प्र्कार से अपनी इच्छापुर्ति को महसूस करते हैं।“भगवान ने यह सुंदर ब्रह्मांड क्यों बनाया है?” […]
Talk at Delhi University (Hindi). (India) 11 March 1979. […]
Talk about Gandhi. Mumbai, Maharashtra, India. 11 March 1979.
बिल्कुल सामने आ रहा है ,जो बताया गया है , विशुद्धि चक्र के बारे में I अब इसी विशुद्धि चक्र से ही collective conciousness की सीढ़ी है Iमैंने कहा था कि कृष्ण को पूर्ण अवतार माने क्योंकि ये विराट है विराट वो शक्ति है जिसमें संपूर्ण समावेश है ह्रदय में शिव जी की शक्ति है और पेट में गुरुओं की शक्ति है और स्वाधिष्ठान चक्र में ब्रह्मा देव शक्ति है ब्रेन में ब्रह्मा देव की शक्ति है आप कह सकते हैं और जब विराट जागृत हो जाता है जब विराट का सहस्त्रार खुलता है तब इसके अंदर बसे हुए अनेक cell का पेशियों का भी सहस्त्रार खुलता है I
Bible मैं कहा जाता है परमात्मा ने मनुष्य को अपने जैसा बनाया अपना इमेज बनाया है और ये बात सही है जैसे विराट हैं वैसे ही संपूर्ण आप हैं, […]
Seminar (Hindi). Dheradun, UP, India. 4 March 1979.
परमात्मा सब से शक्तिशाली है देहरादून, ४ मार्च १९७९ आज मैंने आपसे सबेरे बताया था कि कुण्डलिनी के सबसे पहले चक्र पे श्री गणेश जी बैठते हैं, श्री गणेश का स्थान है और श्री गणेश ये पवित्रता के द्योतक हैं। पवित्रता स्वयं साक्षात ही है। वो तो पहला चक्र हुआ। और ये चक्र जो है कुण्डलिनी से नीचे है वो कुण्डलिनी की रक्षा ही नहीं करता है, लेकिन वो लोग जो कुण्डलिनी में जाते हैं उनसे पूरी तरह से सतर्क रहते हैं। इस रास्ते से कोई भी कुण्डलिनी को नहीं छू सकता है। आज सबेरे मैंने आपसे बताया था कि इस रास्ते से जो लोग कोशिश करते हैं वो बड़ा ही महान पाप करते हैं। हालांकि उससे थोड़ा बहुत रुपया-पैसा कमा सकते हैं। लेकिन अपने लिए जो पूँजी इकठ्ठी करते हैं, […]
Atma Ki Anubhuti, 28th December 1977
[Hindi Transcription]
ORIGINAL TRANSCRIPT HINDI TALK आपसे पिछली मर्तबा मैंने बताया था, कि आत्मा क्या चीज़ है, वो किस प्रकार सच्चिदानंद होती है, और किस प्रकार आत्मा की अनुभूति के बाद ही मनुष्य इन तीनों चीज़ों को प्राप्त होता है। आत्मसाक्षात्कार के बगैर आप सत्य को नहीं जान सकते। आप आनन्द को नहीं पा सकते। आत्मा की अनुभूति होना बहुत जरूरी है। अब आप आत्मा से बातचीत कर सकते हैं। आत्मा से पूछ सकते हैं। आप लोग अभी बैठे हुए हैं, […]
Sahajyog Ki Utapatti Date 7th December 1973 : Place Mumbai Seminar & Meeting Type Speech Language Hindi
[ORIGINAL TRANSCRIPT HINDI TALK]
प्रेम की तो कोई भाषा नहीं होती है, जो प्रेम के बारे में कहा जाये। हमारी माँ हमसे जब प्यार करती है, वो क्या कह सकती है की उसका प्यार कैसा है? ऐसे ही परमेश्वर ने जब हमें प्यार किया, जब उसने सारी सृष्टि की रचना की, तब उनके पास भी कोई शब्द नहीं थे कहने के लिये। मनुष्य ही जब अपने निमित्त को, […]
1979-0101 Unidentified Hindi Talk (extract on Swadishthana)
स्वाधिष्ठान चक्र। इस चक्र का तत्व है कि आप सृजनशाली, सृजनशाली हो जाते हैं, आपकी सृजनता बहुत बढ़ जाती है। ऐसे लोग जिन्होंने कभी एक लाइन भी स्वतंता नहीं लिखी, वह काव्य लिखने लग जाते हैं। जिन लोगों ने कभी भाषण नहीं दिया वह बड़े भाषण देने लग जाते हैं और जिन लोगों ने कभी पेंटिंग नहीं करी, कुछ कला नहीं देखी वो कलात्मक हो जाते हैं। बहुत सृजन हो जाते हैं। हमारे आर्किटेक्टस लोग हैं, […]