Public Program Pune (India)

सत्य को खोजने वाले आप सभी साधकोंको हमारा नमस्कार | माफ करिए जिन लोगोने कहा था की आठ बजे के पहले मत पहुँचयेगा ,जो लोग वाकई में सहजयोग में अपनी जागृती चाहते है वो बैठे रहेंगे और बाकीके चले जाएंगे | एक कारण ये है | दूसरा ये की हम कुछ सहजयोग के बारेमें बताएँगे और कुछ परदेसी लोग आपके सामने गाना गाना चाहते थे  | इस तरह से तीन चार कारणोंकी वजह से जानकर हम धीरे धीरे आए | पर इतने साधकोंको देख करके क्या कहा जाए | इस पूना में बड़ी मेहनत की है और वर्षोसे यहाँ आते थे | क्योंकि शास्त्रोमें इस जगह का नाम पुण्यपट्टनम है | माने पुण्यवान नगरी पर यहाँ इतना कुछ गड़बड़ मामला था जब हम आए | और उसके बाद ऐसे यहाँ गड़बड़ गुरु लोग आ गए | इसके कारण पूना  की जो आध्यात्मिक स्तिति थी वो ख़राब हो गई | बहोतसे लोगोंने हमें सताया भी बहोत है यहाँ पूना में | और उससे कोई हमें हानि नहीं हुई ,किंतु लोगोंकी जरूर हानि हुई | न जाने क्यों सत्य के विरोध में हमेशा कुछ लोग ऐसे खड़े हो जाते है की जिनको पता ही नहीं की सत्य कितना आवश्यक है | जिस कगार पे आज मनुष्य खड़ा है आप जानते है की ये घोर कलियुग है | ऐसा कलियुग तो कभी देखा ही नहीं | और सुना भी नहीं | जैसा आज कल है | कुछ भी  समजमें नहीं आता कोई भी प्रांगण में आप देखे ,राजकरण हो कुछ हो हर चीज़ में आप पते है की एक अजीबसा अँधेरा Read More …