
Shakti Puja (India)
Shakti Puja. Kalwe (India), 31 December 1997. आज हम लोग शक्ति की पूजा करनेके लिए एकत्रित हुए है | शक्ति का मतलब पूरी ही शक्तिया | और किसी एक विशेष शक्ति की बात नहीं | ये पूरी शक्तिया हमारे हर एक चक्र पे अलग अलग स्थान पर विराजित है | और इस शक्ति के बगैर किसी भी देवता का कार्य नहीं हो सकता | जैसे आप जानते है की कृष्ण की शक्ति राधा है | और राम की शक्ति सीता और विष्णु की शक्ति लक्ष्मी | इसी प्रकार हर जगह शक्ति का सहवास देवताओंके साथ है | पर देवता लोग शक्ति के बगैर कार्य नहीं कर सकते | वो शक्ति एक मात्र आपके अनाहत चक्र में बीचोबीच जगदम्बा स्वरूपिणी विराजमान है | ये जगदम्बा शक्ति बहोत शक्तिमान है | उससे आगे गुज़रनेके बाद आप जानते है की कहि वो माता स्वरुप और वो कही पत्नी स्वरुप देवताओंके साथ रहती है | तो शक्ति का पूजन माने सारे ही देवताओंके शक्तिका पूजन आज होनेवाला है | इन शक्तियोंके बिगड़ जाने सेही हमारे चक्र ख़राब हो जाते हैऔर उसी कारण हमारे शारीरिक ,मानसिक ,बौद्धिक अदि जो भी हमारी समस्याए है वो खड़ी हो जाती है | इसलिए इन शक्तियोंको हमेशा प्रसन्न रखना | कहा जाता है की ”देवी प्रसन्नो भवे ”| देवी प्रसन्न रहनी चाहिए | देवी को अप्रसन्न करनेसे न जाने क्या हो जाए | अब कुण्डलिनी के जागरण से इस शक्ति को और एक विशेष शक्ति मिली | इन शक्तियोंमे और एक विशेषता होती है | वो ये है की जो सर्वव्यापी शक्ति ,जो Read More …