Talk to Sahaja Yogis Bharatiya Vidya Bhavan, मुंबई (भारत)

1975-0331 Advice at Bhartiya Vidya Bhavan  आप लोग जो पहले ध्यान में आये थे तो आपसे मैंने बताया था कि परमात्मा के तीन आस्पेक्ट होते हैं,  और इसी कारण उनकी तीन शक्तिया संसार में कार्य करती हैं।  पहली शक्ति का नाम महालक्ष्मी,  दूसरी का महासरस्वती, तीसरी का महाकाली।  उसमें से महाकाली की शक्ति हर एक जड़ जीव,  हर एक पदार्थ में प्रणव रूप से है।  प्रणव रूप से रहती है, माने जिसे हम अभी वाइब्रेशन कह रहे हैं जो आपके हाथ से निकले हैं, इसी रूप में। जो सिर्फ मनुष्य के ह्रदय में और प्राणी मात्र के ह्रदय में ये शक्ति स्पनदित है, पलसेट (pulsate) करती है। जब वो शक्ति जड़ चीजो में रहेती है महाकाली की वो शक्ति जो जड़ चीजो में रहेती है  तो वही प्रणव एलेक्ट्रोमेग्नटिक वाइब्रेशन  (electromagnetic vibration) की तोर पर दिखाई देता है। जब वो शक्ति जिवित चीज में जागृत होती है तब वो स्पंदन पल्सेसन की तरह से दिखाई देता है। (डॉक्टर आप के लिये खास कर बोल रहे हैं,  आज का इधर आइये) पर महाकाली की जो शक्ति है उसी शक्ति से सारी श्रुष्टि का संचार होता है।  मतलब ये है की स्थिति होती है स्थिति।  हर एक चीज होती है एक्सिस्ट (Existence) होती है। पर जिस दिन मोलेक्यूल में से उसकी ये स्थिति नस्ट होती है तो मोलेक्यूल ही नस्ट हो जाता है।  और इसी शक्ति का उपयोग  एटॉमिक एनर्जी (atomic energy) और हाइड्रोजन बोंब  ( hydrogen bomb) आदि के लिये होता है। ये शक्ति जब उलटी तरह से घुमादी जाती है तब बड़ी विनाशकारी होती है। और सारे संसार का नाश इस शक्ति से हो सकता है। जैसे कि इसका सृजन भी हो सकता है,  ये दोनों ही कार्य कर सकती है। क्योकि ये शक्ति साक्षी स्वरुप पाई गई है। इस शक्ति से परमात्मा श्रृष्टि की सारी रचना देखते रहते हैं, उसका कार्य देखते रहते हैं। आदिशक्ति की  माने प्रकृति, आदिशक्ति की इस शक्ति को ये पावस होते हैं। ये उसके अंदर अधिकार होते हैं कि चाहे तो वो उसे देखे और चाहे तो उसे बनाये।  जब उनको ये खेल और भाता नहीं, जब संसार में हाहाकार मच जाता है, जब गंदी, मैली विद्याये फ़ैल जाती हैं, अधन पतन हो जाता है, और बिलकुल Read More …