Christmas Message: Thankfulness London (England)

                         कृतज्ञता  लंदन 1978-12-24 लंदन … केवल यह कार्य करना कि, एक इंसान के रूप में आना, एक इंसान की तरह जीना, और एक इंसान की तरह कष्ट उठाना। और वह इस पृथ्वी पर अवतरित हुए, अभी जानने के लिए, उस संसार को जानने के लिए जिसे उन्होने बनाया, भीतर-बाहर से। इस तरह वह हमें बचाने के लिए वे आये थे। लेकिन मेरा मतलब है, वह व्यक्ति बात कर रहा था और उसकी आज्ञा पर इतनी बड़ी पकड़ थी कि मैं बस यही कह रही थी कि, वह जिस बारे में बात कह रहा है वह खुद उसी में लक्षित हो रही है- कि उसमें नम्रता का कोई भाव नहीं बचा है! वह जिस तरह से उसके लिए ईसा-मसीह का उपयोग कर रहा था! साथ ही एक बहुत ही भयानक आज्ञा! और मैंने इसे साफ कर दिया। और सब कुछ इस प्रकार हुआ…मैं सोच रही थी कि वह कोई नाटक कर रहा है। और फिर सबसे दयनीय बात बाद में हुई जब उन्होंने कहा कि, “यहां स्थित अन्य समुदायों के लोगों के लिए आपका क्या संदेश है और आप क्या कहते हैं?” उन्होंने कहा, “हमें अपने पड़ोसी से प्यार करना चाहिए और इसी तरह हमें आपसे प्यार करना चाहिए। और यह भलाई के लिए है, और इसलिए हमने एक ऐसा काम शुरू किया है जिसके द्वारा हम लोगों को नौकरी देते हैं और उनकी देखभाल करते हैं।” और सब कुछ एक परोपकारी कार्य के साथ शुरू हुआ, और फिर यह एक संघ, एक श्रमिक संघ बन गया, और फिर वह एक Read More …