Tattwa Ki Baat New Delhi (भारत)

1981-02-15 Talk at Delhi University 1981: Tattwa Ki Baat 1, Delhi Tattwa Ki Baat – 1 Date 15th February 1981 : Place Delhi Public Program Type Speech Language Hindi CONTENTS | Transcript | 02 – 18 Hindi English Marathi || Translation English Hindi 19 – 30 Marathi ORIGINAL TRANSCRIPT HINDI TALK Scanned from Hindii Chaitanya Lahiri कल मैंने आपसे कहा था कि………….. है? अगर धरती माता की वजह से ही सारा कार्य आज आपको तत्व की बात बतायेंगे जब हो रहा है तो घरती माता की वजह से यह जो हम एक पेड़ की ओर देखें और उसका उन्नतिगत पत्थर है वो क्यों नहीं पनपता ? इसका मतलब यह होना, उसका बढ़ना देखें, तो यह समझ में आता है कि अनेक तत्वों में एक तत्व है, लेकिन तत्व है कि उसके अन्दर कोई न कोई ऐसी शक्ति अनेक हैं । प्रवाहित है या प्रभावित है जिसके कारण वो पेड़ बढ़ रहा है और अपनी पूरी स्थिति को पहुँच रहा समाये हैं और यह जो अनेक तत्व हैं यह हमारे है। यह शक्ति उसके अन्दर है नहीं तो यह कार्य अन्दर भी स्थित हैं, अलग अलग चक्रों पर इनका नहीं हो सकता। लेकिन यह शक्ति उसने कहां से वास है, लेकिन एक ही शरीर में समाये हैं और पाई ? इसका तत्व मर्म क्या है ? जो चीज बाह्य एक ही ओर इनका कार्य चल रहा है, और एक ही में दिखाई देती है, जैसे कि पेड़ दिखाई देता है इनका लक्ष्य है और एक ही चीज़ को इनको पाना उसके Read More …