Talk: Sahaja Yoga is now on your shoulders & Evening Program Adi Shakti Puja

Campus, Cabella Ligure (Italy)

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यह हम सभी के लिए बहुत ही आनंदपूर्ण शाम रही है। और हम उन सभी लोगों का धन्यवाद करते हैं जो हम सभी के लिए सब प्रकार के मनोरंजन ले कर आए। मैं वास्तव में आश्चर्यचकित हूँ क्योंकि पिछली बार उनके मुझे आमंत्रित करने के बावजूद मैं स्पेन नहीं जा सकी थी, लेकिन मुझे लगता है कि किसी तरह इसने वहाँ जड़ें जमा ली हैं, ऐसे बहुत से लोग हैं जो अब सहजयोग में शामिल हैं।

यह बहुत महत्वपूर्ण है कि स्पेन जैसी जगहों पर बहुत अधिक सहजयोगी होने चाहिए, मेरे विचार से, मैंने हमेशा यह सोचा, क्योंकि यह एक ऐसा देश है, जिसमें बहुत सारे लोगों ने दौरा किया, इतना सर्वदेशीय और वहाँ तुर्की प्रभाव भी अधिक है।

इसके बावजूद हमने पाया कि यह इतना उत्साहजनक नहीं था , और जोस इस बात से अत्यंत परेशान थे। उन्होंने कहा: “माँ, यहाँ इन लोगों को क्या हो गया है?”।

ठीक है, अब जैसा कि आप देख रहे हैं, यह बहुत उत्साहजनक है, हमारे पास स्पेन से बहुत सारे सुंदर गायक, संगीतकार हैं, और यहाँ बहुत सारे लोग हैं जो अपने सुंदर, मधुर संगीत के साथ आपका मनोरंजन करने आए हैं, विशेष रूप से उनकी लय वास्तव में कुछ अनोखी है।

भारतीय संगीत की अपनी एक लय है, लेकिन वह अपनी प्रणाली से बहुत बँधा हुआ है, जबकि मैं देखती हूँ कि यहाँ पूर्ण स्वतंत्रता है, जिस तरह से आपको पसंद है, उस तरह से अपना तबला बजाने की, जिस तरह से आपको पसंद है, उस तरह से आपका लयबद्ध ढंग, जो एक महान चीज़ है, उस स्वतंत्रता को प्राप्त करना, इस वास्तविकता के बावजूद कि यह लय को बनाए रखता है।

अब एक और बात जो हमें अब कहनी है, जिस तरह से बेल्जियम के लोगों ने बहुत अच्छा गाया है, और जिस तरह से उन्होंने अपना प्रेम दिखाया है।

बेल्जियम एक और बहुत महत्वपूर्ण देश है, जहाँ निश्चित रूप से यूरोपीय, जैसा कि आप जानते हैं, राजधानी है और यह एक बहुत महत्वपूर्ण देश है जहाँ मुझे बहुत प्रसन्नता है कि सहजयोग अपनी जड़ें पकड़ रहा है।

पिछली बार मैं बहुत आनन्दित थी क्योंकि बेल्जियम के मुखिया हमेशा कहा करते थे: “माँ, अब क्या करें, यह बेल्जियम सरकार अजीब है, और बेल्जियम के लोग अजीब हैं”, और बाक़ी सब। अचानक उन्होंने कहा: “यह अब सब अलग प्रकार का हो गया है”। मैंने बोला “क्यों?”।

“क्योंकि समाचार पत्र केवल कैथोलिक चर्च के विरुद्ध लिख रहे हैं और वह हमें पूर्ण तरह से भूल गए हैं”।

यह एक बहुत ही अच्छी बात है कि अब बेल्जियम में लोग सहजयोग को गंभीरता से ले रहे हैं, और उन्हें अपनी ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए क्योंकि उन्हें उनके साथ यूरोप की राजधानी मिली है।

इसलिए उन्हें बहुत उच्च विचारों और बहुत उच्च संस्कृति के लोग होना चाहिए।

मुझे कला के लिए ज़रूर कहना चाहिए, वह वास्तविक कलाकार हैं, वह वास्तव में कला का सम्मान करते हैं, और उन्हें कला की बहुत अच्छी समझ है, अब भी जब यह सब आधुनिक कला आ गई है और यह सभी चीज़ें आ गई हैं।

लेकिन मुझे लगता है कि सहजयोग में बेल्जियम के हमारे कलाकारों की संख्या पूरे यूरोप में सबसे अधिक है, यह आश्चर्यजनक है, लेकिन हमारे बेल्जियम के सहजयोग में इतने सारे कलाकार हैं कि कभी-कभी मुझे लगता है कि यह एक संयोजन है, कहें कि, संगीत स्पेन से आ रहा है, और बेल्जियम से यह कला आ रही है, यह वास्तव में बहुत अच्छा है। 

अब हमारे पास हॉलैंड है, और हॉलैंड भी अब संगीत में आगे आ रहा है, मुझे ज़रूर कहना चाहिए, लेकिन जिस तरह से उन्होंने मुझे दिखाया, सहजयोगियों से शुरुआत करते हुए कि वह कैसे हैं और कैसे वह धीरे-धीरे बदल रहे हैं जब उनका अहंकार और उनका प्रति अहंकार फूट रहा है, यह बहुत वास्तविक है।

मैंने यह देखा है। मुझे क्षमा करें।

मैंने इसे देखा है, आप देखें, कभी-कभी (हँसी) कि कुछ सहजयोगी,शुरुआत में, सभी वैसे नहीं हैं जो वह हॉलैंड में दिखा रहे थे, लेकिन कुछ सहजयोगी शुरुआत में, आप उन्हें समझ नहीं पाते कि वह किस बारे में बात कर रहे हैं।

और देखिए, वह इतनी बड़ी- बड़ी बातें करना आरम्भ कर देते हैं कि मानो वह बहुत पढ़ चुके हैं, या वह बहुत अधिक झूठी मर्यादाओं में हैं, चाहे वह कुछ भी हो।

तब आप बस उन्हें देखते हैं, इस समझ के साथ कि कहीं कुछ गड़बड़ है, और अंततः वास्तव में झूठी मर्यादाएं दूर हो जाती हैं और अहंकार भी निकल जाता है, और फिर वह बहुत अच्छे सहजयोगी बन जाते हैं।

लेकिन बहुत सारे सहजयोगी ऐसे हैं जो एकदम सहजयोग में कूद जाते हैं। यह भी बहुत उल्लेखनीय है। लेकिन कभी-कभी जो बहुत शीघ्रता से कूदते हैं, वह बहुत गहरे नहीं जाते हैं, यह मनुष्य के बारे में बहुत ही अजीब बात है जिसे मैं समझ नहीं पाती।

कभी-कभी वह सहजयोग में उतरने के लिए समय लेते हैं, और एक बार जब वह सहजयोग में उतर जाते हैं तो वह बहुत गहरे जाते हैं।

और कभी-कभी वह समय नहीं लेते हैं, वह बस इसमें कूद जाते हैं, और फिर बाद में आपको समझ में नहीं आता है कि वह अभी भी एक ही जगह, एक ही ऊंचाई पर क्यों हैं, और वह अभी भी इसकी गहराई में नहीं जा रहे हैं।

तो इस सब कुछ का लेना, मुझे लगता है कि उनकी सभी शिक्षा के साथ है, या शायद जिस तरह से उनका लालन-पालन हुआ है, या शायद उनका बचपन, या शायद कुछ मनोवैज्ञानिक समस्या या वह किसी प्रकार के अहंकारी उपचार हो सकते हैं जो उन्होंने विकसित कर लिए हैं या उनके भीतर किसी प्रकार की जटिलता हो सकती है ।

लेकिन इससे कोई अन्तर नहीं पड़ता, अंततः हर कोई ऊपर आता है और सहजयोग का एक बहुत अच्छा स्रोत बन जाता है।

सहजयोग अब आपके कंधों पर है, आपको इसकी देखभाल करनी है, आपको इसे फैलाना है।

संगीत एक ऐसा तरीक़ा है जिससे आप फैला सकते हैं – भारत में, महाराष्ट्र में विशेष रूप से, प्रत्येक शनिवार को वह एक ट्रक लेते हैं, ट्रक पर इतने सारे संगीतकार जगह-जगह जाते हैं, और वह वहाँ कार्यक्रम की व्यवस्था करते हैं, एक कार्यक्रम करते हैं और फिर सहजयोग के बारे में बात करते हैं।

इस तरह यह बहुत शीघ्रता से फैल रहा है, उस तरह से यहाँ तक ​​कि दिल्ली में भी। दिल्ली में मैं हैरान थी जो मुझे लगता था कि कुछ भी नहीं है, बिल्कुल एक ख़ाली ख़ोल है,लेकिन दिल्ली अब बहुत महान हो गई है।

क्योंकि लोगों ने दूसरे गाँवों में जाना और सहजयोग फैलाना शुरू कर दिया और वह अपने भीतर उस आत्मविश्वास को विकसित कर रहे हैं।

आत्मविश्वास तब आता है जब आप दूसरों को आत्मसाक्षात्कार देते हैं। इसके अलावा, जो आनंद आपको आत्मसाक्षात्कार देने से प्राप्त होता है, वह सबसे महानतम है। आप जैसे कि एक माँ जब बच्चे को जन्म देती है, तो वह कितनी प्रसन्नता का अनुभव करती है। उसी तरह से आपको भी लगता है कि आप दूसरों को आत्मसाक्षात्कार दिला पाए हैं और ऐसे ही सहजयोग बहुत फैलता है।

अब फिनलैंड से मैं बहुत प्रसन्न हूं कि लोग इतनी दूर फिनलैंड से आए हैं, क्योंकि अभी तक मैं फिनलैंड नहीं गई थी, और वह बेलारूस में भी कुछ कार्य कर रहे हैं? (कोई कुछ कहता है)

हाँ। इसलिए आप देखें, यह एक ऐसी चीज़ है कि वह अपने स्थानों से बाहर निकल रहे हैं, और उन जगहों पर जा रहे है जहाँ शायद मैं नहीं पहुंच पाऊँगी। और अन्य स्कैंडिनेवियाई देशों का भी यहाँ प्रतिनिधित्व किया गया है, और मैं चाहती हूँ कि मैं कभी स्कैंडिनेविया जा कर वहाँ सहजयोग का प्रसार कर सकूँ।

मैं वहाँ गई हुई हूँ, लेकिन, मैं फिनलैंड भी गई हुई हूँ, जैसा कि मुझे अवश्य कहना चाहिए, लेकिन मैंने वहाँ सहजयोग के लिए कोई कार्य नहीं किया। तो, आप देखें, फिनलैंड मैं बाद में गई, लेकिन अन्य स्कैंडिनेवियाई देशों में भी मैं चाहती हूँ कि मैं जाऊँ, और अगर मेरा स्वास्थ्य अनुमति देता है और मेरी उम्र, जैसा कि आप जानते हैं यात्रा मेरे लिए कठिन हो जाती है।

लेकिन इस मामले में मैं आप सभी से इन सभी देशों में कुछ करने का अनुरोध करूँगी जिनको मैंने छुआ नहीं होगा या शायद जहाँ सहजयोग नहीं बढ़ रहा है।

जहाँ सहजयोग नहीं बढ़ रहा है, आपको उनकी सहायता के लिए पूरा ज़ोर लगाना चाहिए। यह बहुत ही उल्लेखनीय बात है कि हम विभिन्न देशों और विभिन्न संस्कृतियों से आते हैं, विभिन्न भाषाएं बोलते हैं, और हम कैसे हृदय की भाषा, प्रेम की भाषा को समझते हैं, जो कि दिव्य प्रेम है।

तो कल हमारी कुंडलिनी की महान पूजा होगी, वह इसे कुंडलिनी पूजा कहते हैं, या आदिशक्ति पूजा, आप इसे कुछ भी कहें लेकिन मुझे लगता है कि मैं आप सभी को आनंद देने के लिए कल कुछ नया कह सकती हूँ। मैं उस तरह से मनोरंजन नहीं कर सकती जिस तरह से आप मनोरंजन कर सकते हैं, लेकिन किसी तरह मैंने देखा है कि मेरी (वह हँसी) – मैं जो कुछ भी कह रही हूँ, आप सब मुझे इतनी उत्कट इच्छा से सुनते हैं कि वहाँ कुछ मनोरंजन होता होगा, मुझे ऐसा लगता है ।

तो आप सबको परमात्मा का अनंत आशीर्वाद।

आपकी शाम शुभ हो। और अब सो जाइए। और कल सुबह मैंने कुछ लोगों को मुझसे मिलने के लिए कहा है। मुझे आशा है कि वह आएंगे और मुझसे मिलेंगे और मैं बहुत शुक्रगुज़ार होऊँगी।

आप सबको परमात्मा का अनंत आशीर्वाद। आप सबको परमात्मा का अनंत आशीर्वाद।